बिशेष संवाददाता द्वारा

रांची: पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी घटना में मारे गए आईबी अधिकारी मनीष रंजन का पार्थिव शरीर गुरुवार को रांची लाया गया. रांची एयरपोर्ट पर भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी सहित कई गणमान्य व्यक्तियों ने आईबी अधिकारी के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि अर्पित की.
पहलगाम में शहीद हुए आईबी अधिकारी मनीष रंजन का अंतिम संस्कार पश्चिम बंगाल के झालदा में होगा। कश्मीर से उनके पार्थिव शरीर को रांची स्थित बिरसा मुंडा एयरपोर्ट लाया गया। जहां से उनके पार्थिव शरीर को सड़क मार्ग से झालदा के लिए रवाना किया गया। इस दौरान उनका पूरा परिवार भी मौजूद रहा। उनकी पत्नी और बच्चे बेसुध पड़े रहे। एयरपोर्ट पर पूरा माहौल गमगीन रहा। लोगों में इस आतंकी हमले को लेकर खासा आक्रोश है और लोग जवाबी कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं।
मनीष रंजन मूल रूप से बिहार के सासाराम के रहने वाले थे. उनके पिता मंगलेश मिश्रा पश्चिम बंगाल के झालदा हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक थे. वह कुछ साल पहले रिटायर हुए हैं. जिसके बाद से परिवार झालदा में ही रहता है. मनीष रंजन हैदराबाद में खुफिया विभाग में कार्यरत थे. वह रांची आईबी में भी अपनी सेवा दे चुके थे.
इंटेलिजेंस ब्यूरो के अधिकारी मनीष रंजन का पार्थिव शरीर गुरुवार को विमान से रांची एयरपोर्ट पहुंचा. मनीष रंजन सपरिवार पहलगाम घूमने के लिए गए थे. इसी दौरान आतंकियों ने उन्हें गोली मार दी थी. मनीष रंजन का अंतिम संस्कार रांची से सटे बंगाल के झालदा में किया जाएगा.
दिवंगत मनीष रंजन के भाई विनीत रंजन ने बताया कि मंगलवार को मनीष की मौत की सूचना मिली थी. मनीष रंजन अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ यात्रा पर गए थे. मनीष रंजन मिश्रा की शादी साल 2010 में प्रयागराज के रहने वाली जया से हुई थी. उनके दो बच्चे हैं, जिनमें एक 12 साल का बेटा और 8 साल की बेटी है.
मूल रूप से बिहार के सासाराम के रहने वाले मनीष रंजन के पिता मंगलेश मिश्रा झालदा हिंदी हाई स्कूल के प्रधानाध्यापक थे. वह कुछ साल पहले रिटायर हुए हैं. जिसके बाद से पूरा परिवार झालदा में ही रहता है.
आईबी अधिकारी मनीष रंजन के शव को लेने के लिए उनके भाई समेत परिवार के कई सदस्य और गांव के लोग रांची पहुंचे थे। एयरपोर्ट पर मनीश रंजन के दोस्तों ने बताया कि वो एक अच्छे क्रिकेट खिलाड़ी भी थे काफी मिलनसार थे। उन्होंने बताया कि मनीष को घूमने का काफी खुश था, इसी कारण वो पहलगाम गए थे। वो इसके बाद वैष्णो देवी में भी माता-पिता के साथ दर्शन करने के लिए जाने वाले थे। लेकिन उससे पहले यह हादसा हो गया।
मनीष रंजन पांच साल रांची के आईबी यूनिट में भी कार्यरत रहे थे। रांची में साल 2017 से 22 तक वो बतौर सेक्शन अफसर तैनात थे। इसके बाद उनकी पोस्टिंग हैदराबाद आईबी में हुई थी। मनीष के पिता पश्चिम बंगाल में शिक्षक है, इसलिए पूरा परिवार झालदा में रहता है।
मनीष रंजन की पत्नी की नौकरी रांची में पोस्टिंग के दौरान ही बिहार में शिक्षिका के तौर पर हो गई थी, तब उन्होंने बिहार में पोस्टिंग की गुजारिश की थी, लेकिन तबादला हैदराबाद होने के कारण उनकी पत्नी ने नौकरी से इस्तीफा दे दिया था।
मनीष रंजन के दोस्तों के मुताबिक कश्मीर जाने के बाद वहां उनके साथी श्रीभूषण ने उन्हें रिसीव किया था। तब मनीष की पत्नी ने कहा था कि यहां आकर अजीब लग रहा है। मनीष आईबी में नौकरी ज्वाइन करने के पहले तमिलनाडु में एक्साइज में नौकरी करते थे। आईबी में नौकरी लगने के बाद उन्हें एक्साइजल की नौकरी छोड़ दी थी।