गंगा नदी के जलस्तर बढ़ाने के कारण गंभीर बीमारियां पैर पसारने लगी

बरहरवा: गंगा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी होने के साथ ही बरहरवा प्रखंड क्षेत्र के पूर्वी भू भाग में बाढ़ का दूषित पानी प्रवेश कर गया है।क्षेत्र में दूषित पानी प्रवेश करने के साथ जहां जल जनित बीमारियां जैसे पेचिश, दस्त तथा डायरिया की बीमारी पैर पसारने लगा है। वही निचले भूभाग में लगे सब्जी की फसल भी पानी में डूब कर बर्बाद हो गया है, गंगा नदी का जलस्तर साहिबगंज में खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बाढ़ का पानी बरहरवा प्रखंड के मिर्जापुर, तिहा, पिपरा, गणेशपुर, बरारी, आदि गांव के खेतों में प्रवेश कर गया है यदि इसी रफ्तार से जलस्तर में बढ़ोतरी होती रही तो आने वाले दो-चार दिन के अंदर इन सारे गांव के खेतों में लगे धान की फसल को भी नुकसान हो सकता है। बता दें कि प्रत्येक वर्ष बाढ़ आने की स्थिति में बरहरवा प्रखंड के मिर्जापुर, बरारी, कालू, रामनगर, रूपसपुर, तथा सातगाछी पंचायत के निचले भूभाग में पानी भर जाता है, जिस कारण से यहां धान सहित अन्य फसल डूब कर बर्बाद हो जाता है। बाढ़ की स्थिति में इस इलाके में पशुधन को भी चारे तथा जनमानस को स्वच्छ पेयजल की किल्लत हो जाता है। बरहरवा अंचल कार्यालय का रिपोर्ट बताता है कि बाढ़ आने की स्थिति में गंगा नदी के किनारे बसे पिपरा, भावनंदपुर, चंरचक, मिर्जापुर, टीला, बांका, आदि गांव का करीब 186 घर तथा क्षेत्र के कई प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय एवं पंचायत भवन इसके चपेट में आ जाता है, जिस कारण से कुछ परिवार को मिर्जापुर टीला स्कूल में शरण लेना पड़ता है। इस संबंध में प्रशासन की तैयारी किस प्रकार की है इसकी जानकारी के लिए जब अंचल अधिकारी बरहरवा सन्नी कुमार दास से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि अभी स्थिति सामान्य है प्रखंड के बाढ़ प्रभावित पूर्वी इलाके के किसी भी गांव से किसी प्रकार का नुकसान का कोई समाचार नहीं मिला है, बाढ़ आने की स्थिति में प्रशासन किसी भी प्रकार की समस्या से निपटने के लिए तत्पर है। क्षेत्र में हल्का कर्मचारी नजर बनाए हुए हैं जो प्रशासन को पल-पल की खबर से अवगत करा रहा है।

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