वन भूमि व गैरमजरूआ भूमि पर राजा कंस्ट्रक्शन द्वारा अवैध मिट्टी उत्खनन पर जांच हुई शुरू

अवैध मिट्टी खन्नन मामले में पूर्व में लाखों का जुर्माना और मामला दर्ज होने के बावजूद भी धडल्ले से की जा रही थी उत्खनन

संवाददाता: टंडवा,चतरा

टंडवा प्रखंड के मिश्रौल पंचायत स्थित फुलवरिया और टेकठा गांव में रेलवे निर्माण कार्य में अवैध मिट्टी खन्नन को लेकर सुर्खियों में रहा राजा कंस्ट्रक्शन का मुश्किलें दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। पिछले साल पूर्व जिला खन्नन पदाधिकारी गोपाल दास के निर्देशा अनुसार इस जांच में अवैध मिट्टी उत्खनन मामले में पच्चास लाख से ज्यादा का जुर्माना और राजा कंस्ट्रक्शन पर मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद भी राजा कंस्ट्रक्शन का दो महीना काम बंद रहा। जाँच का मामला ठंडा होते हीं राजा कंस्ट्रक्शन द्वारा फिर से क्षेत्र में सक्रिय होकर सरकारी गैरमजरूआ भूमि और वन भूमि पर अवैध रूप से धडल्ले से मिट्टी उत्खनन शुरू कर दिया गया। जिसकी सूचना लगातार वन विभाग को मिल रही थी। चतरा डीएफओ के निर्देश पर वन विभाग जाँच को लेकर सक्रिय हो गया और फुलवरिया गांव के वन भूमि पर अवैध मिट्टी उत्खनन मामले में शनिवार को जांच शुरू कर दी है। जाँच शुरू होते हीं राजा कंस्ट्रक्शन के सक्रिय कर्मी  गिरफ्तारी के डर से फरार होने की सूचना है। अधिकारी द्वारा बताया गया की वन भूमि पर अवैध मिट्टी उत्खनन के जाँच में सही पाए जाने पर कंपनी पर मामला दर्ज करके कार्रवाई करने का सख्त निर्देश दिया गया है। बताया गया की रेलवे ट्रेक निर्माण में राजा कंस्ट्रक्शन कंपनी के द्वारा सरकारी भूमि से अवैध रूप से मिट्टी का खनन बदस्तूर रूप से किया जा रहा था। गांव के लोगों को चंद रुपया का लालच देकर कंपनी द्वारा मिश्रौल पंचायत के तीन,चार गांव में बड़े पैमाने पर अवैध मिट्टी उत्खनन करके क्षेत्र के भौगोलिक संरचना और गांव का अस्तित्व मिटा दिया गया है। बताया गया वन विभाग और खन्नन विभाग द्वारा जाँच ईमानदारी से की जाती है तो करोड़ों रुपया राजस्व चोरी का मामला उजागर होने की संभावना है साथ हीं कंपनी की ब्लैक लिस्ट होने की संभावना बढ़ सकती है।

मिट्टी उत्खनन नियम क्या कहता है।

खेतों से मिट्टी उठाने से पूर्व खन्नन विभाग व प्रशासन से अनुमति लेना अनिवार्य है। नियमों के मुताबिक जमीन स्तर से लेकर डेढ़ मीटर तक मिट्टी उठाई जा सकती है, लेकिन इससे पूर्व संबंधित विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य है। निर्धारित राशि जमा करानी पड़ती है। बिना अनुमति के मिट्टी उत्खनन करना कानूनी अपराध है माना जाता है। जिसके चलते आरोपी को जुर्माने के साथ सजा का प्रावधान किया गया है।

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