रिपोर्ट- अविनाश मंडल
पाकुड़/हिरणपुर में मनमाने तरीके से क्रेशरों के संचालन में जनजीवन बेहाल, बीमारी की चपेट में आ रहे स्थानीय लोग, प्रदूषण, खनिज व जिला प्रशासन नहीं दे रहे ध्यान.
हिरणपुर क्षेत्र में कई स्टोन क्रेशर प्लांट संचालित हैं। इन प्लांटों में सरकार के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ रहीं हैं। इनकी मनमानी पर रोक लगाने वाले अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। क्रेशर प्लांट संचालन के लिए सरकार के नियम निर्धारित है लेकिन नियम का पालन नहीं किया जाता। बता दें कि हिरणपुर प्रखंड के बरमसिया पंचायत के चौकीधाप ग्राम में बड़ीकेंदुआ जाने मुख्य सड़क के दोनो किनारे संचालित ऐसे क्रेशर प्लांट जो की सड़क मार्ग के करीब दो सौ मीटर की दूरी पर लगा हुआ है यह क्रेशर प्लांट वहां बसी बस्ती के लोगों के लिए बीमारी की देन बना है। प्रदूषण विभाग के नियमों को ताक पर रखकर प्लांअ चल रहा है। ग्रामीणों ने कहा कि इस क्रेशर प्लांट में न तो बाउंड्रीवाल है और नाही पेड़-पौधे, पानी का छिड़काव भी नहीं होता। फिर भी यह क्रेशर नियमों को ताक पर रखकर अफसरों के आशीर्वाद से चल रहा है। प्रदूषण इतना कि रोड से निकलने वाले वाहन तक नहीं दिखते। दोपहिया वाहन चालक व राहगीर धूल के कड़ आंख में आने से कई बार भिड़ जाते हैं। वहीं पास में बस्ती के लोग क्रेशन के प्रदूषण से त्रस्त हो चुके हैं, लेकिन क्रेशर संचालक अपनी मनमानी पर उतारू है।
क्रेशर प्लांट से उड़ेने वाली धूल डस्ट से आसपास रहने वाले ग्रामीणों को प्रदूषण से बचाने का कोई इंतजाम नही किया जा रहा। बता दें कि क्रेशर संचालको द्वारा लाइसेंस लेने के लिए नियम का पालन करने की लिखित अनुमति दी जाती है, इसके बावजूद नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। हिरणपुर क्षेत्र के रसूखदारों के आधा दर्जन क्रेशर प्लांट संचालित हैं। कई संचालक शासन की ओर से निर्धारित मानकों का पालन नहीं करते हैं, जिसकी सजा ग्रामीण भुगत रहे हैं।
ग्रामीणों को सिलिकोसस का खतरा
क्रेशर प्लांट तीन से चार किमी के आवासीय क्षेत्र को प्रभावित करता है। पत्थर खदानों में काम करने वाले मजदूर और आसपास रहने वाले लोगों में शत प्रतिशत सिलिकोसिस होने की संभावना रहती है। इसके अलावा ये करीब एक किमी क्षेत्र की खेती को भी गंभीर रूप से नष्ट करते हैं। इनके आसपास की जमीन बंजर हो जाती है नियमानुसार मशीनों को कबर्ड करने के साथ पानी का छिड़काव नही किया जाता जिससे किसानों की जमीन बंजर हो रही है। ग्रामीणों ने बताया कि क्रेशर प्लांट के कारण आसपास क्षेत्र में हमेशा 24 घंटे धूल उड़ती है। ग्रामीणों ने कहा कि खजिन, प्रदूषण, स्थानीय प्रशासन को निगरानी रखना चाहिए, लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा।