मसलिया/दुमका/मसलिया प्रखंड क्षेत्र के तीन पंचायतों के सैकड़ों रैयतों ने गुरुवार को शिकारपुर-गोबरामोड़ सड़क चौड़ीकरण व मजबूतीकरण काम को बंद करा दिया। रैयतों ने सर्वप्रथम पांच मौजे के ग्राम प्रधानों तीनों पंचायतों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक बैठक किया फिर नगाड़ा बजाकर निर्माण कार्य को बंद करा दिया।
रैयतों का कहना था कि गोबरामोड़ से शिकारपुर सड़क चौड़ीकरण का काम विगत एक महीने से चल रहा है जिसमें सड़क के किनारे कई रैयतों की जमीन व जमाबंदी में लगाये पेड़ को काटा जा रहा हैं। मोटे मोटे महुआ पेड़ को काटकर रातोंरात गायब भी कर दिया गया है। खेती करने वाली जमीन गैरकानूनी तरीके से अतिक्रमण किया जा रहा है।
जिसको लेकर संवेदक अधिकारी बिना किसी सूचना के ही काम करते जा रहे हैं। ग्रामीणों ने मुंशी को बैठक में सम्मिलित होने एवं बात करने के लिए बुलाया भी था लेकिन बहाने बनाकर बैठक में नहीं पहुंचे।
रैयतों में से सामाजिक जागरूकता युवा संगठन के अध्यक्ष शिवनाथ बेसरा ने बताया कि जिस प्रकार से एनएच गोविंदपुर-साहेबगंज पथ निर्माण कार्य के पूर्व नापी कर सूचना दी गई थी और उन रैयतों के जमीन के बदले उचित मुआवजा मिला था ठीक उसी तरह मुवावजा मिलना चाहिए वहीं यथा सम्भव पेड़ों को कटने से भी बचाया जाय ।
ग्रामीण कार्तिक राय ने तीस साल पूर्व सार्वजनिक मनसा माता मन्दिर को गैरकानूनी तरीके से तोड़ने का एवं आस्था के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया।बैठक में गोलबंधा पंचायत के गोलपुर, न्याडीह,पहाड़पुर व धोबनाहरिनबहाल पंचायत के आमगाछी, विक्रमपुर के रैयत गोलबंद होकर मुवावजा नहीं तो काम नहीं, संवेदक की मनमानी नहीं चलेगी, गैरकानूनी तरीके से काम करना बंद करो, जंगल जमीन की बर्बादी नहीं होने देंगे आदि श्लोगन के नारे आक्रोश में लगाते हुए गोलबंद दिखे।
क्या कहते हैं रैयत:-
हम रैयतों की जमीन बहुत कम है, इसी से साल भर का अनाज उपजाते हैं, विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करना नहीं चाहते, बसर्ते हम रैयतों को उचित मुवावजा मिल जाय-जगन्नाथ राय, रैयत न्याडीह —सड़क चौड़ीकरण कार्य को लेकर सभी उत्साहित थे कि नई व चौड़ी सड़क पर चलने को मिलेगी,लेकिन सड़क में जा रही जमीन की नापी एवं इसकी सूचना किसी भी रैयतों को नहीं दी गई न ही प्रधान मांझी हड़ाम को सूचना दी गई है।
-कुसीमल बास्की, रैयत पहाड़पुर—गांव के ग्रामीणों को संवेदक की ओर से किसी भी तरीके के आस्वासन नहीं मिला और नहीं कोई पदाधिकारी ही एक महीने के कार्य के दौरान यहां पहुंचे हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों ने कार्य को बंद कराया है।-सहोदी मरांडी, रैयत पहाड़पुर–रैयतों को गोलबंद होना पड़ रहा है क्योंकि सरकारी अधिकारी और कार्य करा रहे संवेदक दोनो मिलकर मनमानी पर तुले हुए हैं, अन्यथा महुआ जैसे पेड़ों को रातों रात नहीं बेचा जाता।
ग्रामीणों को सरकार उचित मुआवजा दिलाने का अभिलंब प्रयास करे -मीनू मरांडी, पहाड़पुर– — — — — — –इस संदर्भ में पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता हरेंद्र सिंह से बात करने पर बताया कि हम बाहर हैं आकर रैयतों की समस्या को देखते हैं।
मौके ग्राम प्रधान आयनेश किस्कू, लक्ष्मण राय, सनत सोरेन के साथ ग्रामीण कार्तिक राय ,अभीधन हेम्ब्रम, हपना हेम्ब्रम, शामिल हेम्ब्रम, किरण हांसदा ,प्रकाश हेम्ब्रम,श्रीकांत हांसदा,मुकुलु हांसदा, मौसमी हेम्ब्रम, पकलू हांसदा, ललिता देवी ,ओकली हांसदा, महारानी हेम्ब्रम, फलनी हेम्ब्रम, संगीता टूडू,रसामुनु टुडू, मकुली मुर्मू ,केनोवा टूडू,जगरनाथ मंडल,दीलीप हेम्ब्रम, कृष्णा बास्की, सेलेटु हेम्ब्रम,बाबुधन सोरेन,रुपा देबी, सुनिल मरांडी,मदन मराड़ी,दातो बास्की,सोनाराम मुर्मू, डोमन सिंह आदि सैकड़ों ग्रामीण व रैयत उपस्थित रहे।