*मनरेगा कर्मी तथा बिचोलियों की मिलीभगत से लाखों की लूट:जिला प्रशासन को भनक तक नही*

*मनरेगा कर्मी तथा बिचोलियों की मिलीभगत से लाखों की लूट:जिला प्रशासन को भनक तक नही*

 

*अपनी काली करतूत छुपाने के लिए योजना स्थल से सूचना पट गायब*

 

पाकुड़/संवादाता

 

लिट्टीपाड़ा प्रखंड में मनरेगा से हुए डोभा निर्माण में अधिकारी, मनरेगाकर्मी और बिचोलियों ने मिलकर घोटाला करने का नया तरीका खोज निकाला है। मनरेगा की योजनाओं में मजदूर के खाते में सीधा पैसे भेजने की व्यवस्था है, लेकिन यहीं पर सारी गड़बड़ी की जाती है, दूसरे पंचायत के मजदूर दूसरे पंचायत में कागजी तोर में मजदूरी करवाते है। सरकार के निर्देशानुसार मनरेगा की योजनाओं में कार्य स्थल पर मजदूरों के लिए शेड, दवा, पीने का पानी और योजना की जानकारी से संबंधित बोर्ड लगाना है। लेकिन डोभा निर्माण में कहीं भी बोर्ड, शेड और दवा पेटी की व्यवस्था नहीं की गई, और ऊपर से डोभा में सिर्फ समतल जमीन के घांस को छीलकर निर्माण कर दिया गया। मनरेगा योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता बरती जा रही है। जिससे साफ़ नजर आता है कि मनरेगा कर्मी और बिचोलियों की सांठ गांठ से (राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी) के नाम से योजना मनरेगा को मिट्टी में मिलाया जा रहा है। लिट्टीपाड़ा प्रखंड के जामजोड़ी, सोनाधोनी, बांडू, बड़ा सरसा, कुंजबोना, जोरडीहा, जामजोड़ी यादि इन सभी पंचायतों में मनरेगा योजना के तहत बन रहे दर्जनों डोभा बीच डंगाल में बने हैं, जिनमें प्राक्कलन से ज्यादा रकम निकाल ली गई। अफसरों को भनक तक नहीं लग पाई।

Related posts

Leave a Comment