कहीं प्रदूषण तो कहीं विस्थापित की समस्या और कहीं अवार्ड वाह रे कंपनी

कहीं प्रदूषण तो कहीं विस्थापित की समस्या और कहीं अवार्ड वाह रे कंपनी

 

एक और जहाँ कोल कंपनी के उत्खनन परिवहन से हो रहे प्रदूषण की समस्या का सामना पड़ रहा है।विस्थापित ग्रमीणों को बुनयादी समस्या को लेकर लगातार बैठक हो रही है।वहीं दूसरी और अवार्ड से सम्मान भी किया जा रहा है वह रे कंपनी

अमड़ापाड़ा – थाना क्षेत्र के पचुवाड़ा मोड़ के समीप मंगलवार को पूर्व निर्धारित तिथि के तहत बीजीआर प्रबंधन व ग्रामीणों के बीच वार्ता हुई। वार्ता में ग्रामीणों ने रोजगार, शिक्षा, पेयजल, एंबुलेंस, स्कूल बस, ट्रांसपोर्ट सहित अन्य मांगों को लेकर अपनी बात रखी। करीब 3 घंटे तक चली वार्ता में ग्रामीणों ने अपनी बातों को प्रखरता से रखा। वार्ता में ग्रामीणों ने कोल प्रबंधन पर आरोप लगाते हुए कहा कि बीजीआर के द्वारा स्थानीय युवाओं को दरकिनार कर बाहर के लोगों को रोजगार व ट्रांसपोर्टिंग मुहैया कराया जाता है। बीजीआर यहाँ के लोगों के लिए अयोग्य का कैटेगिरी बना लिया है। सभी बिंदुओं पर सुनने के बाद ग्रामीणों और कोल प्रबंधन के बीच यह निर्णय हुआ कि बीजीआर एवं डब्ल्यूबीपीडीसीएल के द्वारा ग्रामीणों को अस्पताल में दवा के साथ-साथ एंबुलेंस की व्यवस्था दी जाएगी। स्कूल व कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों को चिन्हित कर छात्रवृत्ति पर विचार किया जाएगा। बच्चों को अमड़ापाड़ा या फिर मंजीराबाड़ी स्कूल जाने के लिए स्कूल बस उपलब्ध कराया जाएगा। खराब पड़े सभी चापाकल को ठीक कराया जाएगा। तथा सिविल वर्क में भी ग्रामीणों की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। इसके अलावा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विस्थापित एवं प्रभावित सहित पचुवाड़ा के ग्रामीणों को जो इच्छुक हों उन्हें विभिन्न तरह के प्रशिक्षण दिया जाएगा। ताकि उन्हें रोजगार का अवसर प्राप्त हो सके। मौके पर बीजीआर प्रबंधन की ओर से संजय बेसरा, जेम्स मुर्मू के अलावा उपप्रमुख शिवलाल देहरी, ग्रामीण रंजन मरांडी, राजू मुर्मू, प्रेम मिर्धा, ताला मुर्मू, वकील केवट, संतोष केवट, राजाराम हांसदा, मनोज हांसदा सहित अन्य सैकड़ों महिला पुरुष मौजूद थे।

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