*देवघर प्रमंडल में करीब 40 हजार तिरंगा बेचने का लक्ष्य
*गाँव गाँव तक पहुंचा अभियान , 257 ग्रामीण डाक घर से मात्र 25 रुपये में मिल रहा तिरंगा*
आदिवासी एक्सप्रेस संवाददाता/ द्वारा
देवघर: जहाँ देश आजादी की 75वीं सालगिरह मनाने की तैयारियों में युद्धस्तर पर जुटा हुआ है । वहीं देवघर प्रमंडल के डाक घर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुहिम पर हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही है।
13 से 15 अगस्त तक मनाए जाने वाला आजादी के अमृत महोत्सव को लेकर प्रमंडलीय क्षेत्र के 287 डाकघरों में 25 रुपये में तिरंगा बेचा जा रहा है। ऐसे तो हर घर तिरंगा अभियान से जुड़े कार्यक्रम 2 अगस्त से शुरू हो चुके हैं। पोस्टल विभाग के डिलेवरी देने वाले कर्मी इस अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने की मकसद से अपने साथ झंडा लेकर घर घर पहुंच रहे है और लोगों को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रेरित करते हुए 25 रुपये में बेच रहे है देवघर प्रमंडल या तो यूं कहें देवघर और दुमका जिला में कुल 39 हाजर से भी अधिक तिरंगा बेचने का निर्णय लिया गया है। इसको को ध्यान में रखते हुए गुजरात के सूरत से तिरंगा का पहला लॉट देवघर भेज दिया गया है इसकी बिक्री भी जोरों पर है।जिसकी मोनेटरिंग दिल्ली के डाक भवन कर रहा है।
ज्ञात हो कि हर घर तिरंगा अभियान के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अगस्त को लोगों से अपनी-अपनी सोशल मीडिया प्रोफाइल की फोटो को तिरंगे से बदलने का आह्वान किया. इसके अतिरिक्त शैक्षणिक संस्थान हर घर तिरंगा से जुड़ी चित्रकला प्रतियोगिताएं, क्विज और अन्य प्रतिस्पर्धाएं आयोजित किया जाएगा. इसका मकसद भारतीयों में देशभक्ति की भावना का संचार करना है. हालांकि घर पर तिरंगा फहराने की कड़ी में लोगों से अपेक्षा की जाती है कि वह झंडा नीति यानी फ्लैग कोड ऑफ इंडिया के नियम-कायदों का ध्यान रखेंगे. मसलन फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2022 के तहत राष्ट्रीय ध्वज को उल्टा या जमीन से छूते हुए और सिंगल फ्लैग पोल से नहीं फहरा सकते हैं। इस कड़ी में यह भी ध्यान रखना है कि तिरंगे की सुरक्षा में ऐसे कदम भी नहीं उठाए जाएं जो उसे क्षतिग्रस्त कर दें।इसके अलावा तिरंगे को शरीर पर लपेटा नहीं जा सकता है. उसे बतौर रूमाल इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं यानी रूमाल पर तिरंगे को नहीं छाप सकते है और ना ही किसी अन्य पोशाक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।