रांची की पैड वूमेन ने 1 लाख से ज्यादा महिलाओं को दे चुकी हैं रोजगार

निज संवाददाता द्वारा
रांची. बॉलीवुड एक्टर अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म पैडमैन के जरिए महिलाओं द्वारा पीरियड्स के दौरान की जाने वाली अनदेखी पर एक मैसेज दिया था. जिसे देशभर के लोगों ने खूब पसंद किया था. खैर वो तो फिल्म की बात थी, लेकिन अब आपको बताते हैं रांची की पैड वूमेन की कहानी.
रांची का माही केयर फाउंडेशन महिलाओं द्वारा पीरियड्स के दौरान इस्‍तेमाल किए जाने वाले सैनिटरी पैड बनाती हैं. इस एनजीओ से बहुत ही कम समय में 1 लाख 20 हजार महिलाएं जुड़कर काम कर रही हैं. माही केयर फाउंडेशन स्‍वस्‍थ बीटिया, स्‍वस्‍थ भारत नारों के साथ अभियान चलाकर काम कर रही है.

महिला कार्यकर्ता शहर के साथ-साथ ग्रामीण महिलाओं को सैनिटरी पैड इस्‍तेमाल करने के लिए जागरूक करती हैं. इसके साथ ही उन्‍हें प्‍लास्टिक और कपड़े के इस्‍तेमाल से होने वाले खतरों से आगाह भी किया जाता है. इस संस्थान से जुड़ी महिलाओं का कहना है कि जब से इस संस्थान से जुड़े हैं, तब से रोजगार का एक साधन मिला है. खुद पर गर्व होता है कि अब किसी चीज को खरीदने के लिए दूसरों के मोहताज नहीं हैं. जो पैसे यहां से कमाते हैं उसे बच्चों की पढ़ाई में लगा देते हैं.
पैड वूमेन कहलाने वाली वंदना ने कहा कि वर्ष 2019 में इसकी शुरुआत की थी. शुरुआती दौर में उनके साथ मात्र 3 महिलाएं जुड़ी थीं, लेकिन अब करीब 1 लाख 20 हजार महिलाएं साथ जुड़कर काम कर रही हैं. खुशी होती है कि हमने अपने साथ- साथ अन्य महिलाओं को भी रोजगार देने का काम किया और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया

 

 

 

 

 

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