राजनीतिक संवाददाता द्वारा
गिरिडीह. झारखंड पंचायत चुनाव (Jharkhand Panchayat Election 2022) एक बार फिर लटकता नजर आ रहा है. दरअसल बीते दिनों बजट सत्र के दौरान ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा था कि पहले से ही पंचायत चुनाव नहीं होने से राज्य का बहुत नुकसान हो चुका है. इस लिये बगैर ट्रिपल टेस्ट के आधार पर राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराया जाएगा, जिसका मतलब था कि पंचायत चुनाव में OBC का आरक्षण नहीं मिलेगा. उन्होंने जल्द चुनाव कराये जाने की बात भी कही थी. लेकिन, अब एक बार फिर से पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा अपडेट सामने आ रहा है. दरअसल पंचायत चुनाव का मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है.
गिरिडीह सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर झारखंड में पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देना सुनिश्चित किए जाने की मांग की है. इस याचिका में झारखंड सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग को प्रतिवादी बनाया गया है. याचिका में कहा गया है कि झारखंड सरकार पिछड़ा वर्ग को आरक्षण दिए बगैर पंचायत चुनाव चाहती है.
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने ट्रिपल टेस्ट के आधार पर ही पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण को तय करने का आदेश दिया था. लेकिन, मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि चुनाव के बाद सरकार ट्रिपल टेस्ट कराएगी. ट्रिपल टेस्ट के तहत कमीशन गठन कर पिछड़ा वर्ग का इंपीरियल डाटा इकट्ठा करना है और इसके आधार पर पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने का प्रावधान लागू करना है. याचिका में इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला दिया गया है. कहा गया है कि आदेश के आलोक में राज्य सरकार को पिछड़ा वर्ग को पंचायत चुनाव में आरक्षण देने हेतु ट्रिपल टेस्टिंग कराने के लिए कमेटी का गठन करना जरूरी है.
बता दें, जेएमएम विधायक दीपक बिरुआ ने भी शिड्यूल एरिया में पेसा कानून का हवाला देते हुए पंचायत चुनाव नहीं कराने की मांग की. इसके जवाब में मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि शिड्यूल और नन शिड्यूल दोनों जिला में सरकार पंचायत चुनाव कराएगी. आजसू विधायक सुदेश महतो ने भी चुनाव को आगे बढ़ाने की मांग करते हुए ओबीसी आरक्षण को तय करने की मांग रखी थी. इस आदेश के बाद ही महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश सरकार ने अपने-अपने राज्यों में पंचायत चुनाव कराने पर रोक लगा दिया और ट्रिपल टेस्टिंग के लिए कमेटी का गठन भी कर दिया गया है. झारखंड सरकार को भी महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश की भांति पंचायत चुनाव में पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने के लिए चुनाव से पहले ट्रिपल टेस्टिंग कराने के लिए कमेटी का गठन करना चाहिए. बता दें, झारखंड में पिछड़ा वर्ग की आबादी 55 प्रतिशत है.