दिल्ली व्यूरो
दिल्ली :उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में बाहुबली मुख्तार अंसारी इस बार मऊ सदर सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे। बता दें कि उनकी जगह पर उनके बेटे अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर चुनावी मैदान में होंगे। गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी इन दिनों जेल में बंद है। वहीं मऊ में सातवें और अंतिम चरण में वोटिंग होनी है।
बता दें कि सोमवार को मऊ सदर सीट से अब्बास अंसारी ने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन किया। मऊ सीट की बात करें तो इस सीट पर 1996 से 2017 तक मुख्तार अंसारी का कब्जा रहा है। मुख्तार अंसारी 5 बार से विधायक हैं। पिछले तीन दशक में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि मुख्तार चुनाव नहीं लड़ेंगे। इस बार मुख्तार अंसारी ने अपने बेटे के लिए यह सीट छोड़ दी है।
मुख्तार अंसारी को टिकट देने पर विरोध के सुर देखे जाने के बाद सुभासपा ने उनके बेटे को टिकट दिया है। बता दें कि मुख्तार अंसारी को सपा सीधे तौर भले ही अपना ना रही हो लेकिन ओपी राजभर की पार्टी के सहारे अंसारी परिवार जरूर चुनावी मैदान में होगा। दरअसल सुभासपा और सपा का इस विधानसभा चुनाव में गठबंधन है।
वहीं मऊ और मुख्तार का कनेक्शन देखें तो मुख्तार अंसारी इस सीट से 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर चुनाव में उतरे थे। उसके बाद 2002 और 2007 में मुख्तार अंसारी ने इस सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। 2012 में उन्होंने अपनी पार्टी कौमी एकता दल से जीत हासिल की। इसके बाद 2017 में मुख्तार अंसारी ने फिर से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधानसभा पहुंचे। अब इस सीट से उनका बेटा सुभासपा से मैदान में है।
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान मुख्तार की पार्टी कौमी एकता दल और सपा का विलय अखिलेश यादव के विरोध के चलते रद्द करना पड़ा था। बता दें कि मुख्तार इस समय बांदा जेल में बंद हैं। पिछले साल उन्हें पंजाब के रोपड़ जेल से यहां ट्रांसफर किया गया था।