बेंगलुरु। कर्नाटक में चल रहा राजनीतिक संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है, जहां सत्ताधारी गठबंधन कांग्रेस-जेडीएस बागी विधायकों का वापस पार्टी में लाने की कोशिश रहा है। वहीं बीजेपी सरकार बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, इसी बीच कर्नाटक के मंत्री डीके शिवकुमार ने कहा कि मुझे हमारे सभी विधायकों पर भरोसा है, वे कांग्रेस पार्टी से चुने गए हैं और लंबे समय से वहां हैं, वे अपने डोमेन में टाइगर की तरह लड़े हैं।
जारी है कर्नाटक में सियासी नाटक
शिवकुमार ने कहा कि विश्वास प्रस्ताव के समय, वे कानून से भी अच्छी तरह से वाकिफ होंगे। कानून बहुत स्पष्ट है। अगर वे विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ वोट करते हैं, तो वे अपनी सदस्यता खो देंगे। कांग्रेस पार्टी उनकी मांगों को मानने के लिए तैयार है। हमें संकेत मिल रहे हैं कि वे हमारी सरकार को बचा लेंगे।
अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार सीएम कुमारस्वामी
मुख्यमंत्री कुमारस्वामी विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव के लिए तैयार हो गए हैं तो वहीं बीजेपी राज्य प्रमुख येदुरप्पा वह फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह सोमवार तक का इंतजार कर रहे हैं।दोनों तरफ से विधायकों को अपने खेमे में बनाए रखने के लिए जोड़तोड़ की कोशिशें जारी हैं। एक तरफ पूर्व सीएम सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार कांग्रेस विधायकों को जोड़ने की कोशिशों में जुटे हैं तो बीजेपी के सीनियर लीडर बीएस येदुरप्पा ने पार्टी के विधायकों के साथ लंच किया।
दो बागी विधायकों से मुलाकात दोनों ही खेमे अपने विधायकों को साधने के साथ ही सरकार गठन के लिए जरूरी नंबर जुटाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी बीच शनिवार रात सीएम कुमारस्वामी पूर्व सीएम सिद्धारमैया के आवास पर पहुंचे। वहां उन्होंने दो बागी विधायकों से मुलाकात की।
कर्नाटक की 225 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन सरकार के पक्ष में 118 विधायक थे, यह संख्या बहुमत के लिए जरूरी 113 से पांच ज्यादा थी, इसमें कांग्रेस के 79 विधायक (विधानसभा अध्यक्ष सहित), जेडीएस के 37 और तीन अन्य विधायक शामिल रहे हैं, तीन अन्य विधायकों में एक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से, एक कर्नाटक प्रग्न्यवंथा जनता पार्टी (केपीजेपी) से और एक निर्दलीय विधायक है, विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पास 105 विधायक हैं।
2018 विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत ना मिलने पर कांग्रेस ने जेडीएस को भाजपा को रोकने के लिए बिना शर्त समर्थन दे दिया था, जिसके बाद जिस पार्टी को चुनाव से पहले किंगमेकर कहा जा रहा था, वो किंग बन गई और एचडी कुमारास्वामी राज्य के सीएम बन गए लेकिन सरकार तो बनी लेकिन दोनों के बीच दोस्ती कभी नहीं दिखी, खुद सीएम कुमारस्वामी सार्वजनिक तौर पर बेमेल गठबंधन की बात स्वीकार कर चुके हैं।