News Agency : लोकसभा 2019 का चुनावी महासंग्राम खत्म हो गया. Exit Polls से पूरी तरह यह दिख रहा है कि एनडीए जोरदार वापसी कर रही है. एग्जिट पोल ने जहां एनडीए की बंपर जीत का अनुमान लगाया है वहीं यूपीए की स्थिति कमोबेश पिछले लोक सभा जैसी ही दिखाई जा रही है. लेकिन एक बड़ा सवाल यह है कि क्या एग्जिट पोल हमेशा सही होते हैं?
क्या काउंटिंग के पहले एग्जिट पोल के कयासों को सही ठहराया जा सकता है? opinion poll 2019 भले ही कांग्रेस को फिर से केंद्र की सत्ता से five साल दूर ले जा रहे हैं. पर कई ऐसे चुनाव भी हुए हैं जिसमें एग्जिट पोल पूरी तरह से फेल हो गए थे. कई चुनावों में एग्जिट पोल ने एनडीए को बढ़त दी थी, लेकिन इन चुनावों में बीजेपी बुरी तरह हारी थी.
इन चुनावों में लोक सभा से लेकर विधान सभा भी शामिल हैं. opinion poll 2019 में भले ही बीजेपी सबसे बड़ी के रूप में फिर से दिख रही है, पर 2004 के लोक सभा चुनाव में सारी एजेंसियों के आंकलन पर पानी फिर गया था. सारी एजेंसियों ने औसतन 255 सीटें एनडीए को दी थी. लेकिन काउंटिंग के दिन एनडीए two hundred का आंकड़ा भी नहीं छू पाई थी. एनडीए 189 सीटों तक सिमट कर रह गई थी. बीजेपी 138 सीटों पर सिमट गई थी.
जबकि इसी चुनाव में यूपीए को 183 सीटों का अनुमान था, जबकि उसे 222 सीटें मिली थी. बाद में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. 2009 का लोकसभा चुनाव भी एक तरह से सर्वे एजेंसियों का फेल्योर रहा. इस चुनाव में एजेंसियों ने UPA को 199 और NDA को 197 सीटें दी थीं. जबकि यूपीए जबरदस्त बढ़त लेते हुए 262 सीटें हासिल कर ली. बीजेपी नीत एनडीए 159 सीटों पर सिमट कर रह गई थी.
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में भी opinion poll सटीक नहीं बैठे थे. सभी एग्जिट पोल्स में बीजेपी+ को जेडीयू-आरजेडी गठबंधन पर बढ़त बताई गई थी, लेकिन नतीजे ठीक उलट आए थे. बीजेपी+ fifty eight सीटों पर सिमट गई, जबकि जेडीयू-आरजेडी गठबंधन ने 178 सीटों के साथ सत्ता की कुर्सी पर बैठी थी. 2015 में हुए विधान सभा चुनाव के एग्जिट पोल में आम आदमी पार्टी (AAP) को thirty one से लेकर fifty three सीटें तक मिलने का अनुमान जाहिर किया गया था. बीजेपी को 17-35 सीटें दी थीं.
जबकि नतीजों में आम आदमी पार्टी को seventy में से sixty seven सीटें मिलीं. बीजेपी को सिर्फ three सीटें और कांग्रेस का सफाया हो गया था. 2018 में हुए छत्तीसगढ़ में हुए विधान सभा चुनाव में एग्जिट पोल में बीजेपी को औसतन forty सीटें और कांग्रेस को forty six सीटें मिलने का अनुमान लगाया था, पर नतीजे हैरान करने वाले आए.
बीजेपी महज fifteen सीटें और कांग्रेस ने sixty eight सीटों पर जीत दर्ज की. एग्जिट पोल के फेल होने का सबसे ताजा उदाहरण ऑस्ट्रेलिया में जनरल इलेक्शन से समझा जा सकता है. वहां के एग्जिट पोल्स में विपक्षी लेबर पार्टी को पूरी तरह से बहुमत मिलता दिखाया गया था. जबकि नतीजे पूरी उलट हो गए. सत्तासीन पार्टी को लिबरल पार्टी को दोबारा से बहुमत मिला