News Agency : समाजसेवी अन्ना हजारे का कहना है कि नक्सलवाद की समस्या को गोली की जगह बातचीत से सुलझाया जा सकता है। उन्होंने यहां तक कहा है कि सरकार इजाजत दे तो वह सरकार और नक्सलवादियों के बीच मध्यस्थता करने के लिए भी तैयार हैं। बता दें कि हाल ही में महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में C-60 कमांडो जीप पर नक्सलवादियों ने हमला कर दिया था जिसमें six जवान शहीद हो गए थे।
हजारे ने कहा है, ‘हर किसी को समस्याएं होती हैं लेकिन समस्याओं को सुलझाने का तरीका सही होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान ब्लास्ट, गोलीबारी या मासूम लोगों की जान लेने से नहीं होगा। हर समस्या का समाधान बंदूक नहीं होती। इससे उलट समस्या और जटिल हो जाएगी। अन्ना ने कहा कि बातचीत से ऐसी समस्याएं सुलझाई जा सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘इतिहास गवाह है कि बातचीत से तलवार भी म्यान बन जाती है। इस परंपरा को भूलना नहीं चाहिए। हमें समस्या को मानवीय ऐंगल से देखना चाहिए। अगर दोनों पक्ष तैयार हों तो हम नक्सलवाद के मुद्दे पर हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं। मेरे पास बड़ी ताकत नहीं, मैं फकीर हूं।’
अन्ना ने कहा कि राष्ट्र और समाज उनका लक्ष्य है, इसलिए वह हस्तक्षेप करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को भी इसकी जड़ में जाना चाहिए। असल में समस्या क्या है, यह उन्हें समझना चाहिए। इससे समस्या का समाधान होगा। हर किसी को पता होना चाहिए कि ऐसी घटनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल करना सही नहीं है।