भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा चुनाव में पद के दुरुपयोग के आरोपित स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता को पद से हटाने का आदेश दिया है। आयोग ने सोमवार को यह बड़ी कार्रवाई की। आयोग के निर्देश के अनुसार, वे लोकसभा चुनाव तक किसी भी पद पर नहीं रहेंगे। इस दौरान उनका अवकाश भी स्वीकृत नहीं होगा।
आयोग ने उन्हें मंगलवार अपराह्न एक बजे तक स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को रिपोर्ट करने का आदेश दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान वे झारखंड भी नहीं आ सकेंगे। भारत निर्वाचन आयोग ने सोमवार को ही अपराह्न दस बजे तक अनुपालन रिपोर्ट देने का निर्देश राज्य सरकार को दिया था। आयोग का पत्र मिलते ही राज्य सरकार इसपर रेस हो गई।
गृह विभाग ने सोमवार को ही आनन-फानन में अनुराग गुप्ता को पद से हटाते हुए विमुक्त करने तथा स्थानिक आयुक्त, नई दिल्ली को रिपोर्ट करने का आदेश जारी कर दिया। बता दें कि कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने अनुराग गुप्ता को चुनाव कार्य से अलग करने की मांग की थी।
भारत निर्वाचन आयोग द्वारा झारखंड के संदर्भ में पहली बार किसी पदाधिकारी के विरुद्ध इतनी बड़ी कार्रवाई की है। आयोग ने माना है कि इस स्थिति में अनुराग गुप्ता स्पेशल ब्रांच में एडीजी के पद पर नहीं रह सकते क्योंकि निर्वाचन में इस पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी होती है।
स्पेशल ब्रांच के एडीजी अनुराग गुप्ता पर वर्ष 2016 के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में कांग्रेस की विधायक निर्मला देवी को पैसे का लालच देने का आरोप है। भारत निर्वाचन आयोग ने झारखंड विकास मोर्चा की शिकायत पर इसकी जांच कराई थी। आयोग ने प्रथम दृष्टया आरोप को सही पाते हुए उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था।
इसके बाद एडीजी अनुराग गुप्ता व सीएम के सलाहकार अजय कुमार के विरुद्ध जगन्नाथपुर थाने में 29 मार्च 2018 को प्राथमिकी दर्ज हुई थी। जनवरी 2018 में राज्य सरकार ने आयोग से इस मामले में पुनर्विचार करने को कहा था। आयोग ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था और पूर्व के निर्देश के अनुपालन की हिदायत दी थी। इसके बाद ही उनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई। उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही भी चल रही है।
अनुराग गुप्ता का विवादों से नाता रहा है। उनपर एक दफा राजनीतिक उथलपुथल के क्रम में एयरपोर्ट के रनवे पर जाकर प्लेन रोकने तक का आरोप है। पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने अभद्र भाषा इस्तेमाल करने के कारण उनके खिलाफ एससी-एसटी थाने में शिकायत की थी। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने उनकी वह आडियो सीडी जारी की थी जिसमें वह एक नेता को वोट देने के लिए धमका रहे हैं। वे इस क्रम में कई लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी भी करते हैं।
अनुराग गुप्ता पर लगे आरोपों को हवाला देते हुए विपक्ष ने भारत निर्वाचन आयोग से शिकायत कर एडीजी को उनके पद से हटाने का आग्रह किया था। शिकायत करने वालों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सह प्रदेश कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह, कपिल सिब्बल, मनु सिंघवी आदि नेता शामिल थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी चुनाव आयोग से शिकायत की थी कि भयमुक्त व निष्पक्ष चुनाव के लिए राज्य के डीजीपी डीके पांडेय व एडीजी अनुराग गुप्ता को हटाना बेहद जरूरी है। झामुमो के अनुसार, दोनों ही पदाधिकारी तीन साल से अधिक समय से एक ही पद पर काबिज हैं।