गुरूवार का दिन भगवान बृहस्पति का दिन माना जाता है। शास्त्रों में बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु माना जाता है। इनकी पूजा करने से बुद्धि का वरदान मिलता है। इसके साथ ही अगर किसी के विवाह में परेशानी आ रही है तो बृहस्पति देव की पूजा करने से विवाह बाधा का अंत होता है इसके साथ ही जल्दी विवाह के योग बनने लगते हैं। बृहस्पति देव की पूजा को पूरा करने के लिए पढें इस आरती को
ॐ जय ब्रह्स्पति देवा, जय ब्रह्स्पति देवा |
छिन छिन भोग लगाऊ फल मेवा ||
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतर्यामी |
जगत पिता जगदीश्वर तुम सबके स्वामी || ॐ
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता |
सकल मनोरथ दायक, किरपा करो भर्ता ||
ॐ तन, मन, धन अर्पणकर जो शरण पड़े |
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े || ॐ
दीन दयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी |
पाप दोष सभ हर्ता,भाव बंधन हारी || ॐ
सकल मनोरथ दायक,सब संशय तारो |
विषय विकार मिटाओ संतन सुखकारी || ॐ
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे |
जेष्टानंद बन्द सो सो निश्चय पावे || ॐ