अयोध्या और राफेल पर होगी सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई का आज बड़ा दिन है. देश की सर्वोच्च अदालतम में आज अयोध्या विवाद से लेकर लड़ाकू विमान राफेल जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सुनवाई होनी है. इसके साथ ही जम्मू कश्मीर से जुड़े अनुच्छेद 35ए पर भी सुनवाई हो सकती है. हालांकि, इसे लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है.

अयोध्या विवाद

लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच देश के सबसे ज्वलंत मुद्दे पर आज कोर्ट सुनवाई करेगा. कोर्ट ने इससे पहले 29 जनवरी को प्रस्तावित सुनवाई को 27 जनवरी को रद्द कर दिया था क्योंकि न्यायमूर्ति बोबडे उस दिन उपलब्ध नहीं थे.

इलाहाबाद हाई कोर्ट के 2010 के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में 14 अपील दाखिल की गई हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ जमीन को सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला विराजमान के बीच बराबर-बराबर बांटा जाए.

बीते 25 जनवरी को पांच न्यायाधीशों की पीठ का पुनर्गठन किया गया था क्योंकि पहले पीठ में शामिल रहे न्यायमूर्ति यू यू ललित ने मामले में सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी को भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहने के लिए कहा है. दरअसल, उन्होंने अयोध्या में मौजूद रामजन्मभूमि में पूजा करने की इजाजत देने की मांग की है. जिसपर CJI ने उन्हें मंगलवार को होने वाली सुनवाई में उपस्थित रहने को कहा है.

राफेल विवाद

फ्रांस के साथ हुए 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के 14 दिसंबर, 2018 के फैसले की समीक्षा करने की मांग से जुड़ी 2 याचिकाओं पर आज कोर्ट सुनवाई करेगी. पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अर्जी लगाकर दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में सरकार द्वारा सीलबंद नोट में किए गए दावे जो कि बिल्कुल असत्य हैं. इन्होंने अपनी अपील में कहा है कि कोर्ट का फैसला रिकॉर्ड में त्रुटियों पर आधारित है और बाद में जो खबरें और सूचनाएं आई हैं, उन पर गौर न करना इंसाफ का गला घोटना है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर, 2018 के अपने फैसले में न्यायालय की निगरानी में राफेल लड़ाकू विमान सौदे की सीबीआई जांच कराने को लेकर सभी याचिकाएं खारिज कर दी थीं.

35A विवाद

जम्मू-कश्मीर ने राज्य की नागरिकता को लेकर विशेषाधिकार देने वाले अनुच्छेद 35A की वैधता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हो सकती है. पुलवामा हमले में 40 जवानों की शहादत के बाद तमाम राजनीतिक और मीडिया विमर्श में एक बार फिर अनुच्छेद 35ए और अनुच्छेद 370 हटाने की मांग ने जोर पकड़ा है. हालांकि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कोर्ट में सुनवाई से पहले अपना रुख साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 35ए पर फैसला चुनी हुई सरकार ही लेगी.

Related posts

Leave a Comment