प्रयागराज में मेडिकल की छात्रा को चलती बस से अगवा करने के बाद उसके साथ गैंगरेप किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. छात्रा ने गैंगरेप का विरोध किया तो आरोपियों ने उसकी पिटाई भी कर दी. छात्रा बेहोशी की हालत में सुनसान जगह पर मिली. उसका इलाज शहर के ही एक सरकारी अस्पताल में चल रहा है.
पुलिस ने इस मामले में नौ आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है. तीन नामजद आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया गया है. पीड़ित छात्रा को कुंभ मेला क्षेत्र से सटे झूंसी इलाके से उस वक्त अगवा किया गया, जब वह प्रयागराज से वाराणसी जा रही थी.
पुलिस अफसरों का कहना है कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बाकी बचे आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें दबिश दे रही है. इस सनसनीखेज वारदात ने यूपी की कानून व्यवस्था पर फिर से सवालिया निशान खड़े कर दिए हैं.
बढ़ रही हैं रेप की घटनाएं
एक तरफ देश में जहां अलग-अलग राज्य की सरकारें अपराध पर लगाम लगाने को लेकर बड़े-बड़े दावे करती हैं, वहीं देश की राजधानी दिल्ली में रेप की घटनाएं घटने के बजाय बढ़ी हैं. दिल्ली लड़कियों और महिलाओं के लिए असुरक्षित जगह बनी हुई है. प्रजा फाउंडेशन के घरेलू सर्वेक्षण और हंसा रिसर्च की ओर से तैयार रिपोर्ट में कहा गया कि दिल्ली में रेप की घटनाएं कम होने की जगह बढ़ी है. दिल्ली में 2017-18 में रेप के दर्ज मामलों की संख्या (2,207 मामले) में पिछले साल 2016-17 के मुकाबले 3% की वृद्धि दर्ज की गई है. वहीं 40 फीसदी लोग दिल्ली को असुरक्षित मानते हैं.
प्रजा फाउंडेशन में निदेशक मिलिंद महसके ने कहा कि 2017-18 में दिल्ली में अपहरण के मामलों की कुल संख्या में 63% पीड़ित महिलाएं थीं. 2017-18 में रेप की कुल मामलों में से 52% रेप के मामले यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम के तहत दर्ज किए गए.