तेजस्वी का सुशील मोदी पर तंज: मोदीजी सरकारी आवास के पेड़.पौधे और एसी गिन रहे

बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव इन दिनों अपने उस सरकारी बंगले को लेकर चर्चा में हैं जो उन्होंने हाल ही में खाली किया है. यह बंगला उन्हें उप मुख्यमंत्री के नाते मिला था, लेकिन अब वर्तमान उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने इस बंगले में प्रवेश कर लिया है. बंगले की साज सज्जा और उस पर हुआ खर्च आजकल कौतूहल का विषय है.

सुशील मोदी ने हाल ही में तेजस्वी द्वारा खाली किए गए सरकारी बंगले में प्रवेश करने के उपरांत इस बंगले की तुलना सेवन स्टार होटल से की थी. उन्होंने कहा था कि इस बंगले की साज-सज्जा पर सरकार ने करोड़ो रुपये खर्च किए गए होंगे. मोदी के इस बयान पर तेजस्वी ने सफाई दी और साथ में तीखी प्रतिक्रिया जताई.
   
तेजस्वी ने एक बयान में शुक्रवार को कहा कि उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी जी शुरू से हीन भावना से ग्रस्त नेता हैं. सुशील मोदी जी जैसे निहायती नकारात्मक व्यक्ति को कुछ नहीं सूझा तो सरकारी आवास के पेड़-पौधे और एसी गिन रहे हैं. ये ऐसी प्रवृति के इंसान हैं कि कुछ महीनों पहले नीतीश जी के बंगलों की खिड़की और दरवाजे गिन रहे थे. अगर हैं असली इंसान तो बताओ गिन रहे थे कि नहीं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवासों, उनके द्वारा कब्ज़ाए अवैध बंगलों और पेंशन को लेकर चिट्ठी भी लिखी थी.

मीडिया में बंगले के मुद्दे पर हो रही आलोचना पर तेजस्वी ने मोदी पर कहा कि आपके गुरु नीतीश कुमार की तरह छल-कपट से कागजी डॉक्टरी कर किसी और का आवास अपने में नहीं मिलाया. सभी सरकारी आवासों में लॉन हैं लेकिन हमने अपने इक्स्पोज़र और अनुभव का प्रयोग कर उसी सरकारी आवास में उसी लॉन को तरकीब से हरे पेड़-पौधे लगा खूबसूरत बना दिया तो इनके पेट में मरोड़ उठ रहे हैं. सुशील मोदी में हिम्मत है तो बताएं कि किस सरकारी आवास में सोफा नहीं है? किस मंत्री के सरकारी आवास में एसी नहीं है? किस सरकारी आवास में बेड, रसोई, फ्रिज, गैस, डाइनिंग टेबल, पंखे, कुर्सी, आवासीय कार्यालय नहीं है?  इंटीरियर डिजाइनिंग मेरा विषय है और अपनी कला का प्रयोग कर आवास को खूबसूरत बनाने के लिए अगर सही कॉम्बिनेशन का प्रयोग किया है तो मोदी जी को अपच हो गया है क्योंकि इन्हें लगता है यही ज्ञान के भंडार हैं. और ज्ञान का कॉपीराइट नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे लुटेरों वाली बिरादरी को ही है.

तेजस्वी ने कहा कि मोदी जी आपकी और मेरी उम्र में 40 साल का अंतर है तो स्वाभाविक है फर्क पसंद और रखरखाव का भी होगा. हम नए जमाने के लोग हैं और इसी सोच के साथ बिहार को आगे ले जाएंगे. आप जैसों की आउटडेटेड और एक्सपायर्ड सोच से अब बिहार का भला नहीं होने वाला? आप नफरती नागपुरिया मेक के रूढ़िवादी और परंपरागत रूप से नकारात्मक किस्म के परिवेश से जन्मे नेता हैं. आपने जीवन में किसी विपक्षी के लिए कभी अच्छा और सच्चा बोला है क्या? आप लोग तो थूक कर चाटने वाले गिरोह के सरगना हैं. चंद दिन पहले आपके लिए नीतीश कुमार से ज्यादा विश्वासघाती व मतलबी व्यक्ति कोई नहीं था और आज उनसे ज्यादा विश्वसनीय नहीं. यकीन न हो तो अपने पुराने बयान याद कर लीजिए?

उन्होंने कहा कि हां, हम गरीबों की राजनीति करते हैं और डंके की चोट पर करते हैं. पूंजीपतियों का साथ देने वाले दल और नेताओं की छाती पर चढ़कर गरीबों की बात करते है. गरीबों की राजनीति करने वाले क्यों इन तथाकथित महलों में नहीं रह सकते? क्या इनमें रहने का अधिकार आपके बाप-दादाओं से लेकर आपका ही है. संविधान और लोकतंत्र ने हमें यह अधिकार दिया है और इसी की खीज आप जैसे संघियों को है. हम तो इस तथाकथित सात सितारा महल में एक दिन भी नहीं रहे लेकिन हां यहां इसी लॉन में गरीबों की चौपाल भी लगी है, इफ्तार पार्टी भी हुई है, जनता दर्शन भी हुए हैं. एसी कॉन्फ़्रेंस में मीडिया के साथियों से लेकर गांव-देहात के गरीब और वंचित ही बैठे हैं.

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पटना में स्थित वह सरकारी बंगला जिसे तेजस्वी यादव के खाली करने के बाद सुशील मोदी को आवंटित किया गया.

आरजेडी नेता ने कहा कि सुशील मोदी जी अपने अंदर झांककर देखें, जितने भी भाजपाई मंत्री सरकारी आवास छोड़कर गए हैं उन्होंने एक झाड़ू तक वहां नहीं छोड़ी. हमने तो अपना कुछ निजी सामान तक उस आवास में छोड़ा है ताकि आप जैसे निम्नस्तरीय नकारात्मक सोच के व्यक्ति उसका उपयोग कर सकें.

उन्होंने कहा कि आप कल्पना कीजिए, ऐसे नकारात्मक व्यक्ति को कुछ नहीं मिला तो पेड़-पौधे गिन रहे हैं. सुशील मोदी जैसे गैर बिहारी लोग अपनी स्तरहीन और ओछी सोच से बिहार की समृद्ध सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक विरासत को मैला कर रहे हैं और कुछ पूर्वाग्रह से ग्रसित लोग मोदी जी जैसे गैर-बिहारियों के चंगुल में फंसकर जाने-अनजाने बिहारी अस्मिता को नुकसान पहुंचाने में इनकी मदद करते हैं.

उन्होंने कहा कि मोदी जी, समय रहते आप अपनी अहम विभागीय जिम्मेदारी छोड़ ऐसे ही अवांछित विलाप कर जनादेश डकैती का मजा लेते रहें. बाकी हिसाब जनता करेगी.

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