News Agency : 2019 के आम चुनाव में इलाहाबाद, फूलपुर, प्रतापगढ़, कौशांबी, जौनपुर, भदोही, मिर्जापुर, बांदा जैसी चर्चित सीटों पर कांग्रेस बुरी तरह तो हारी ही लेकिन, इनके प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गयी। उत्तर प्रदेश का प्रयागराज परिक्षेत्र देश की आजादी के बाद राजनीति का केंद्र रहा है। जवाहर लाल नेहरू, लाल बहादुर शास़्त्री जैसे दिग्गज नेताओं की कर्मस्थली रहा। लेकिन इस पूरे कांग्रेसी बेल्ट में 2019 के आम चुनाव में जो हुआ वह इतना निराशा जनक कभी नहीं था। प्रयागराज मंडल समेत आस पास के लोकसभा सीटों पर कांग्रेस न सिर्फ बुरी तरह हारी, बल्कि उसके प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो गई।भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर 2009 में योगेश शुक्ल इलाहाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़े तो sixty हजार 983 वोट के साथ तीसरे स्थान पर रहे। उस चुनाव में सपा के रेवती रमण ने यहां से जीत हासिल की थी, उन्हें 209431 वोट मिले थे। वहीं, योगेश शुक्ला इस बार कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े लेकिन योगेश पिछले चुनाव के बारबर भी वोट नहीं जुटा सके और मात्र 3.59 प्रतिशत वोटों के साथ thirty one हजार 852 वोट पर सिमट गये। योगेश इस चुनाव में अपनी जमानत तक नहीं बचा सके और कांग्रेस के लिये यह बेहद ही बुरी हार साबित हुई।फूलपुर लोकसभा सीट पर कृष्णा गुट के अपना दल से गठजोड करने के बाद पंकज पटेल को टिकट कांग्रेस ने दिया था। इस सीट पर पंकज मात्र 32 हजार वोटों पर सिमट गये और वह भी अपनी जमानत नहीं बचा सके। कांग्रेस को यहां मात्र 3.35 प्रतिशत वोट मिले है। गौरतलब है कि यह इलाका अपना दल के संस्थापक सोनेलाल पटेल की कर्मस्थली रहा और पंकज सोनेलाल के दामाद थे। वहीं, इस सीट पर भाजपा की केशरी देवी पटेल को 544701 वोट मिले।प्रतापगढ़ में कांग्रेस ने एक बड़ा और सियासी कुनबे का चेहरा उतारा था। यहां से राजकुमारी रत्ना सिंह प्रत्याशी थे। इनके लिये प्रियंका गांधी से लेकर हर बड़े कांग्रेसी नेता ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी, लेकिन वह भी अपनी जमानत नहीं बचा सकी। प्रमोद तिवारी इस इलाके में लगातार डटे रहे। जिसका असर सिर्फ इतना रहा कि प्रयागराज मंडल में सर्वाधित वोट इसी सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी को मिले और 8.43 प्रतिशत वोटों के साथ वह चौथे स्थान पर रही। रत्ना सिंह को 76686 वोट मिला है। जबकि यहां से भाजपा के विजयी प्रत्याशी संगम लाल गुप्ता 47.7 मतों के साथ 434222 वोट पाने में सफल रहे।
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