शहादत के हिसाब पर मोदी की खामोशी

पीएम के चेहरे पर तनाव साफ तौर से झलक रहा था। प्रधानमंत्री ने त्रिशूल एयरपोर्ट पर खड़े भाजपा नेता या अफसरों से अपने स्वागत में न फूल स्वीकार किए, न ही गुलदस्ते। लाइन में खड़े नेताओं और अफसरों से हाथ जोड़कर मिले और सेना के विशेष विमान में चढ़कर दिल्ली रवाना हो गए। 

प्रधानमंत्री को रुद्रपुर (बदला नाम उधमसिंह नगर) से बृहस्पतिवार शाम 5.30 बजे त्रिशूल एयरपोर्ट पहुंचना था, लेकिन मौसम खराब होने से वह रुद्रपुर से विमान से बरेली नहीं आ सके। पीएम मोदी रात 10.30 बजे सड़क मार्ग से हल्द्वानी, बहेड़ी होते हुए बरेली त्रिशूल एयरपोर्ट पहुंचे।

एयरपोर्ट पर भाजपा नेता प्रधानमंत्री को फूल मालाएं और गुलदस्ता भेंट करने की तैयारी में थे। मगर, पुलवामा के आतंकी हमले में बड़ी संख्या में जवानों की शहादत से सबने मिलकर तय किया कि प्रधानमंत्री जी को केवल हाथ जोड़कर अभिवादन किया जाए।

प्रधानमंत्री जैसे ही एयरपोर्ट पहुंचे तो सबने हाथ जोड़कर अभिवादन किया। भाजपा की स्थानीय इकाई की ओर से पुलवामा के आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला लेने की बात कहकर नेताओं ने आक्रोश जताया।

प्रधानमंत्री भाजपा नेताओं की इस बात पर कुछ भी बोले नहीं, मगर उनके चेहरे पर तनाव साफ था। उनकी खामोशी यह कह रही थी कि वह जवानों की शहादत से उनका मन दुखी है। देश के दुश्मनों को सबक सिखाने के लिए उनके मन में कुछ न कुछ चल रहा है।
उत्तराखंड के रुद्रपुर से देर रात सड़क मार्ग से त्रिशूल एयरपोर्ट पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पुलवामा आतंकी हमले में सेना के जवानों की शहादत से विचलित नजर आए। उनके चेहरे की खामोशी बयां कर रही थी कि आतंकी हमले में शहादत के हिसाब पर देश के दुश्मनों के बारे में कुछ न कुछ सोच रहे हैं।

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