वैलेंटाइन वीक आ चुका है और यह वो समय है जब प्यार और निराशा निराशा दोनों जमकर फैल रही होती है। प्यार उनके लिए जिनके पास कोई साथी है और निराशा उनके लिए जो जन्मों से सिंगल जी रहे हैं। लेकिन अब तो निराशा से भरे लड़कों ने अपने लिए एक नया जोशपूर्ण काम ढूंढ लिया है और वो है बजरंग दल ज्वाइन करके प्रेमी जोड़ों को अदरक की तरह कूटने का! ताज़ा सर्वे से पता चला है इस वित्त-वर्ष में लगभग 4000 नये रंगरूटों ने बजरंग दल ज्वाइन किया है जिनमें से 90% लोग इंजीनियर हैं।
क्या है इसकी वजह? आइए जानते है बजरंग दल में नये-नये शामिल हुए सिविल इंजीनियर प्रह्लाद शर्मा से। प्रह्लाद ने बताया कि, “हम इंजीनियर लोग हर साल वैलेंटाइन-डे पर दूसरोँ को देख कर जला करते थे, तभी मैंने एक ट्रक के पीछे लिखा हुआ देखा कि ‘जलो मत, मुक़ाबला करो!’ बस, तब से मेरी जिंदगी बदल गई!”
“मैं मुक़ाबला करने मैदान में उतर गया, मैंने तय कर लिया कि प्रत्येक प्रेमी जोड़ों से अपने सिंगल होने का बदला लूँगा और इसके लिए मैंने बजरंग दल ज्वाइन कर लिया! हम इंजीनियरों की बजरंग दल ज्वाइन करने की एक वजह यह भी है कि यहाँ हमें तीन वक़्त का भरपूर खाना मिलता है, जो कि मेस के खाने से लाख गुना अच्छा होता है!
हालाँकि बजरंग दल के मुखिया, प्रमोद दुबे इंजीनियरों के शामिल होने से ख़ुश नहीं है। उन्होंने कहा “यह इंजीनियर प्रजाति के लोग वैलेंटायन-डे से पहले, प्रेमी जोड़ों के खिलाफ अपना ग़ुस्सा निकालने के लिए ‘दल’ में शामिल हो जाते हैं और दस-पंद्रह दिन बाद छोड़कर चले जाते हैं!”
“हमारा राशन भी ख़त्म हो जाता है, और तो और वो अन्य सेवकों को सिगरेट और दारू पीना भी सिखा देते हैं! कई बार तो हमारे बटुए में से पैसा चुराकर भाग जाते हैं! इसलिए मैं इन लोगों को शामिल करने से डरता हूँ!” -दुबे जी ने पूरा कच्चा-चिट्ठा खोलकर रख दिया। ख़ैर, कुछ भी हो इस बात से एक चीज़ तो साफ़ है कि इस वैलेंटायन-डे इंजीनियर घर में बैठकर डिप्रेशन में नहीं जीएँगे।