लोकसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दल अपने-अपने उम्मीदवार तय करने में जुट गए हैं और खबर है कि उत्तर प्रदेश के कई वर्तमान सांसदों के टिकट काटने पर भारतीय जनता पार्टी में मंथन चल रहा है. साथ ही कई केंद्रीय मंत्रियों के टिकट इधर से उधर हो सकते हैं. अब खबर है कि लखनऊ से सांसद और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इस बार गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) संसदीय सीट से चुनाव लड़ सकते हैं.
राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं और इस बार वह नोएडा से चुनाव लड़ सकते हैं. ऐसे में प्रतिष्ठित गौतम बुद्ध नगर संसदीय सीट से वर्तमान सांसद और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा को राजस्थान के अलवर से पार्टी का प्रत्याशी बनाया जा सकता है. अगर राजनाथ इस बार नोएडा से चुनाव लड़ते हैं तो वह लगातार तीसरी लोकसभा का चुनाव अपनी तीसरी नई सीट से लड़ेंगे. वह 2009 में गाजियाबाद और 2014 में लखनऊ से लड़ चुके हैं.
सत्ता विरोधी लहर से बचाने की कवायद
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी (सपा) और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह राज्य में सत्ता विरोधी लहर से बचाने के लिए कई सांसदों को टिकट नहीं देने के अपने आजमाए गए फॉर्मूले के तहत काम कर रहे हैं.
बीजेपी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेतृत्व और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की ओर से स्थानीय स्तर पर कराए गए शुरुआती सर्वेक्षण में गौतम बुद्ध नगर की ग्रामीण आबादी में पार्टी के प्रति गुस्सा है, जोकि इस संसदीय क्षेत्र की कुल आबादी का 40 फीसदी है. संसदीय क्षेत्र में नोएडा और ग्रेटर नोएडा जैसे शहर के अलावा ग्रामीण इलाकों के विधानसभा क्षेत्र खुर्जा, सिंकदराबाद और जेवर आते हैं.
5 में से 3 विधायक राजपूत
एक अनुमान के मुताबिक, इस संसदीय क्षेत्र के करीब 19 लाख मतदाताओं में से 12 लाख वोटर्स ग्रामीण इलाके से आते हैं जबकि शेष 7 लाख शहरी मतदाता हैं. इनमें मुस्लिम, गुज्जर और जाटों के बाद राजपूतों की संख्या सबसे अधिक है. यह वही जातीय समीकरण रहा जिसकी बदौलत 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी यहां की सभी पांच सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी. क्षेत्र में 5 में से पार्टी के 3 विधायक राजनाथ सिंह के बेटे पंकज सिंह, बिमला सोलंकी और धीरेंद्र सिंह राजपूत हैं.
इस संसदीय क्षेत्र का सामाजिक समीकरण राजनाथ सिंह के पक्ष में दिख रहा है. राजनाथ को 2009 लोकसभा चुनाव में गौतम बुद्ध नगर से चुनाव लड़ने की सलाह दी गई थी, लेकिन उन्होंने गाजियाबाद से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की थी. 2014 लोकसभा चुनाव वह लखनऊ से चुनाव लड़े और जीते. कभी इस सीट का प्रतिनिधित्व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी करते थे.
उपचुनाव में बीजेपी ने गंवाई थी अलवर सीट
वहीं महेश शर्मा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां से सपा के प्रत्याशी नरेंद्र भाटी को 2,80,212 मतों के अंतर से हराया था. जबकि बसपा के सतीश कुमार तीसरे स्थान पर रहे थे. लेकिन पार्टी के अंदरुनी सर्वेक्षण में यहां के ग्रामीण इलाकों में महेश शर्मा के प्रति नाराजगी की वजह से ही बीजेपी अब उन्हें अलवर सीट से चुनाव लड़वाने की सोच रही है. उनका जन्म अलवर के मनेठी गांव में हुआ था.
बीजेपी की ओर से महंत चंद नाथ ने 2014 लोकसभा चुनाव में अलवर लोकसभा सीट से भंवर जितेंद्र सिंह को 2,83,895 मतों के अंतर से हराया था. सांसद महंत चंद नाथ का 2017 में कैंसर की वजह से निधन हो जाने के बाद 2018 में कराए गए उपचुनाव में बीजेपी के जसवंत सिंह यादव को कांग्रेस के करण सिंह यादव के हाथों हार का सामना करना पड़ा था.
गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी दावेदार
राजस्थान बीजेपी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि अलवर और अजमेर को छोड़कर 23 लोकसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों के बारे में चर्चा हो चुकी है, जबकि उक्त दोनों सीटों पर शीर्ष नेतृत्व फैसला लेगा.
उत्तर प्रदेश में सपा और बसपा के बीच चुनाव पूर्व हुए समझौते के बाद गौतम बुद्ध नगर लोकसभा सीट बसपा के पास है, जहां से गठबंधन प्रभारी सतबीर नागर चुनाव लड़ेंगे.
राजनाथ सिंह के अलावा बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल कृष्ण अग्रवाल भी इस सीट के लिए अपना दावा ठोंक रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां से टिकट का वादा किए जाने के बाद भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया और उनकी जगह महेश शर्मा बाजी मार ले गए.