मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने के प्रस्ताव पर चीन ने एक बार फिर अडंगा लगा दिया है. फैसले से कुछ घंटे पहले चीन ने वीटो का इस्तेमाल कर पाकिस्तान के दुलारे मसूद को बचा लिया. इस तरह भारत समेत फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन की मसूद अजहर को ग्लोबल आतंकी घोषित करने की कोशिशों को झटका लगा है.
चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में कहा कि हम बिना सबूतों के कार्रवाई के खिलाफ है और हमें जांच के लिए और वक्त चाहिए. ये दस साल में चौथी बार है जब चीन ने यूएनएससी में मसूद अजहर को बचाया है. सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य देशों के पास आपत्ति दर्ज कराने के लिए 13 मार्च तक का वक्त था.
मियाद खत्म होने के ऐन पहले चीन ने प्रस्ताव को तकनीकी आधार पर होल्ड करने की सूचना परिषद को दी. होल्ड की मियाद तीन महीने तक है चीन अपने तकनीकी होल्ड को दो बार तीन-तीन महीने के लिए आगे भी बढ़वा सकता है, यानी 9 महीने का वक्त उसके पास है. 9 महीने बाद अगर चीन चाहे तो सुरक्षा परिषद का स्थाई सदस्य होने के नाते वीटो अधिकार का इस्तेमाल कर प्रस्ताव को गिरा सकता है.
अमेरिका, फ्रांस ब्रिटेन के अलावा रूस और चीन सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य हैं, इन पांचों देशों को वीटो का अधिकार है. अगर कोई एक सदस्य भी वीटो का इस्तेमाल करता है तो प्रस्ताव खारिज हो जाता है. मौजूदा प्रस्ताव के विचाराधीन रहने तक मसूद अजहर को लेकर कोई नया प्रस्ताव सुरक्षा परिषद में नहीं आ सकता. साफ है कि चीन ने एक बार फिर मसूद को कम से नौ महीने के लिए ग्लोबल आतंकियों की फेहरिस्त में शामिल किए जाने से बचा लिया है.
हम निराश हैं लेकिन प्रयास जारी हैं: भारत सरकार
भारत सरकार ने कहा, ”एक देश की वजह से जो नतीजा सामने है वो निराश करने वाला है लेकिन मसूद अजहर के खिलाफ हमारी मुहिम जारी रहेगी. हम निराश हैं लेकिन हम सभी उपलब्ध विकल्पों पर काम करते रहेंगे, ताकि ये तय किया जा सके कि भारतीय नागरिकों पर हुए हमलों में शामिल आतंकवादियों को न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाए.”
विदेश मंत्रालय ने कहा, ”हम प्रस्ताव लाने वाले सदस्य राष्ट्रों के प्रयास के लिए आभारी हैं. साथ में सुरक्षा परिषद के अन्य सदस्यों और गैर सदस्यों के भी आभारी हैं जिन्होंने इस कोशिश में साथ दिया. कमेटी अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर कोई निर्णय नहीं कर सकी क्योंकि एक सदस्य देश ने प्रस्ताव रोक दिया.”
ग्लोबल आतंकी घोषित से क्या होता?
भारत सरकार पिछले कई सालों से मसूद को ग्लोबल आतंकी घोषित करवाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अपील कर रहा है लेकिन हर बार उसे चीन बचा लेता है. ग्लोबल टैररिस्ट घोषित होने के बाद मसूद अज़हर किसी भी देश में यात्रा नहीं कर पाता. पूरी दुनिया में मसूद की संपत्तियां जब्त कर ली जाती. मसूद किसी भी देश से हथियार नहीं खरीद पाता और सबसे बड़ी बात इसके बाद पाकिस्तान पूरी दुनिया के सामने खुलकर मसूद अज़हर का बचाव नहीं कर पाता.
कौन है आतंक का आका मसूद अजहर?
पाकिस्तान के बहावलपुर में रहने वाला मसूद अजहर का नाम पहली बार 1999 में सुर्खियों में आया था जब कंधार विमान हाईजैक कांड में भारत सरकार ने उसे रिहा करके बंधकों को छुड़वाया था. तब से मसूद भारत में कई आतंकी वारदातों को अंजाम दे चुका है. मसूद अजहर पाकिस्तान से चलने वाले आतंकी संगठन जैश ए मोहम्मद का सरगना है.
1999 में कंधार विमान अपहरण कांड के पीछे मसूद का ही दिमाग था, 2001 में संसद पर हुए हमले में भी मसूद का हाथ सामने आया था. 2016 में पठानकोट एयरबेस पर हमले के लिए भी मसूद जिम्मेदार है. 2016 में उरी में आर्मी कैंप पर हमले के पीछे भी मसूद अजहर था. इसके साथ ही पिछले महीने पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर हमले का मास्टरमाइंड भी मसूद अजहर है.