मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस बार भाजपा लोकसभा चुनाव में 400 से अधिक सीटें जीत कर उनके गले में कमल फूल डालेगी. झारखंड में पिछली बार दाे सीटें कम जीतने की कमी को इस बार सभी 14 सीटें जीत कर पूरा करेंगे. वे लगातार संताल का दौरा कर रहे हैं. वहां परिवर्तन भी दिखने लगा है. आदिवासी समाज भी जान गया है कि उनका कौन अपना और कौन पराया है. सीएम ने सोमवार को एग्रिकाे मैदान में काेल्हान स्तरीय शक्ति केंद्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए उक्त बातें कही.
भाजपा में हर कार्यकर्ता को सम्मान : रघुवर दास ने कहा कि भाजपा एकमात्र ऐसी पार्टी है, जिसमें सभी कार्यकर्ताओं काे सम्मान मिलता है. यही कारण है कि एक चाय बेचनेवाला और दूसरों के घराें में बर्तन धोने वाली का बेटा प्रधानमंत्री आैर एक मजदूर राज्य का मुख्यमंत्री बना. इसके विपरीत कांग्रेस पार्टी से यदि किसी काे पीएम बनना है, ताे उसे गांधी परिवार में जन्म लेना हाेगा, झारखंड में झामुमाे से कुछ बनना है, ताे उसे साेरेन परिवार में जन्म लेना हाेगा. इन घरानाें ने आम आदमी का हक मार रखा है. यही अंतर है भाजपा आैर अन्य पार्टियाें में. इस बात को अब लोग भी समझ गये हैं.
मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि चाेर, लुटेरे व बचौलिये परेशान हैं. इसलिए सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं. बिचाैलियाें की अब नहीं चलनेवाली है. कांग्रेस संपाेषित विचारधारा के लाेगाें काे यह बात समझ में आने लगी है. समाराेह काे राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, मंत्री सरयू राय, प्रदेशाध्यक्ष सह सिंहभूम के सांसद लक्ष्मण गिलुवा, जमशेदपुर के सांसद विद्युत वरण महताे, विधायक लक्ष्मण टुडू, मेनका सरदार, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष डॉ दिनेशानंद गाेस्वामी, प्रवक्ता जेबी तुबिद, राजेश कुमार शुक्ला आदि ने संबाेधित किया.
सीएम ने कहा कि जल-जंगल-जमीन का नारा देनेवाले झामुमाे ने झारखंड को लूटा है.झामुमाे का साेरेन परिवार रामगढ़ गाेला में सीमित था, लेकिन वहां से निकलकर धनबाद, हजारीबाग, दुमका, गाेड्डा समेत राज्य के कई हिस्साें में व्यापक स्तर पर जमीन की खरीदारी की. इस परिवार ने झारखंड में आदिवासियाें काे सबसे अधिक लूटा है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन साेरेन परिवार ने सबसे अधिक किया. आदिवासी समाज अब जाग गया है. चुनाव में ऐसे लोगों काे आदिवासी समाज सबक सिखायेगा.
सम्मेलन में मुख्यमंत्री के आगमन के ठीक दाे मिनट पहले 2.35 बजे मंत्री सरयू राय मंच से उतर कर चले गये. सरयू ने जब मंच छाेड़ा, ताे उस वक्त राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह कार्यकर्ताओं काे संबाेधित कर रहे थे. सरयू राय से पहले पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा भी कुछ देर के लिए मंच से नीचे उतरे थे, उनके पीछे-पीछे सरयू राय भी उतर गये. अर्जुन मुंडा ताे लाैटकर आ गये, लेकिन सरयू राय नहीं लाैटे.
राष्ट्रीय महामंत्री अरुण सिंह ने कहा कि आपसी बाताें काे सुलझा लिया जायेगा. पार्टी में मतभेद हाे सकता है, लेकिन मनभेद नहीं. इन बाताें काे छाेड़ कर सभी का एकमात्र लक्ष्य पीएम माेदी काे दाेबारा गद्दी पर बैठाने का हाेना चाहिए. यूपी में प्रियंका गांधी के राेड शाे के संबंध में सिंह ने कहा कि राहुल-अखिलेश के राेड शाे में भी काफी भीड़ उमड़ी थी, लेकिन परिणाम लाेगाें ने देखा. वे अब कहां हैं, देख लें. सपा-बसपा दाेनाें ही दल डर के कारण एक हाे गये हैं.
अर्जुन मुुंडा ने मंत्री सरयू राय के मामले में कहा कि चुनाव करीब है. संगठन काे मिल बैठ कर विवाद काे सुलझाना चाहिए. वरीय सहयाेगी सरयू राय के मामले काे अखबाराें में देखा. इसके बाद फाेन पर बात की, घर बुलाया. रविवार की शाम काे वे उनसे मिलने घाेड़ाबांधा आवास आये थे. कई बिंदुअाें पर बात हुई. उनका मानना है कि संगठन भी इस बात पर गंभीर है, उनकी बाताें पर जल्द विचार किया जायेगा.