बिहार के पूर्व मुख्यमंत्रियों को अब आजीवन सरकारी बंगला, गाड़ी और कर्मचारियों की सुविधा नहीं मिलेगी. मगंलवार को पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार के उस नियम को असंवैधानिक और सरकारी पैसे का दुरुपयोग बताया जिसके तहत राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों को ये सभी सुविधाएं मिलती है. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों से इन सभी सुविधाओं को वापस ले लिया था.
कोर्ट के इस फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ जगन्नाथ मिश्रा को सरकारी बंगला छोड़ना पड़ेगा. हालांकि राबड़ी देवी और जीतन राम मांझी पर यह फैसला नहीं लागू होगा. राबड़ी देवी फिलहाल विधान परिषद की सदस्य हैं और जीतन राम मांझी विधायक हैं.
अपना फैसला सुनाते हुए पटना हाई कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों को आवंटित सरकारी बंगले को संविधान के उलट माना था. जिसके बाद कोर्ट ने बिहार में पूर्व मुख्यमंत्री के तौर पर दिए गए बंगले को असंवैधानिक माना.
कोर्ट के इस फैसले से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आनन फानन में पूर्व मुख्यमंत्री के रूप में अपने नाम से आलॉट बंगले को मुख्य सचिव के नाम से आलॉट कर दिया. इस कदम से नीतीश कुमार विपक्षियों के निशाने पर आने से पहले ही सतर्क हो गए.