कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात की और पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली के मुद्दे को अगले लोकसभा चुनाव के लिये पार्टी के घोषणापत्र में शामिल करने का आश्वासन दिया। अपने प्रभार वाले लोकसभा क्षेत्रों में पार्टी की स्थिति की समीक्षा में जुटी प्रियंका ने नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम (एनएमओपीएस) के प्रतिनिधिमण्डल से मुलाकात की।
मुलाकात के बाद संगठन के अध्यक्ष विजय कुमार बंधु ने ‘भाषा’ को बताया कि उन्होंने कांग्रेस महासचिव को पुरानी पेंशन बहाल करने सम्बन्धी मांगों से अवगत कराते हुए कहा कि एक जनवरी 2004 को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने पुरानी पेंशन व्यवस्था को समाप्त करके अंशदायी पेंशन व्यवस्था लागू की थी। यह नातो कर्मचारियों के हित में है और ना ही देश और सरकार के।
उन्होंने बताया कि पूर्व में कर्मचारियों को उनकी आखिरी तनख्वाह का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलता था, मगर पुरानी पेंशन व्यवस्था खत्म होने से यह आर्थिक सुरक्षा खत्म हो गयी है।
बंधु ने बताया कि प्रियंका ने उनकी बात को ध्यान से सुना और कहा कि जब 40 साल तक सेवा करने के बाद भी कर्मचारी का भविष्य सुरक्षित नहीं है तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने बताया कि प्रियंका ने आश्वासन दिया कि कांग्रेस केन्द्र की सत्ता में वापसी के बाद पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करेगी और उनकी पार्टी इस मुद्दे को चुनावी घोषणापत्र में भी शामिल करेगी।
बंधु ने बताया कि प्रियंका ने तुरंत इस बारे में एक पत्र कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के पास भिजवाया। मालूम हो कि देश में करीब 60 लाख पेंशनभागी हैं, जिनमें से 13 लाख उत्तर प्रदेश में हैं।