रांची : नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने उग्रवादी संगठन पीएलएफआइ सुप्रीमो दिनेश गोप का रुपये शेल कंपनी में निवेश करने के आरोप में सुमंत कुमार को गिरफ्तार किया है. एनआइए ने अशोक नगर स्थित उसके घर में छापेमारी कर एक होंडा सीआरबी कार और एक फोर्ड फिगो कार बरामद किया. सुमंत कुमार मूल रूप से गुमला का रहनेवाला है और वर्तमान में अशोक नगर में रहता है. रांची में रहकर उसने लोगों से खुद को व्यवसायी और कंपनी का मालिक बताया था.
वह जमीन के कारोबार से भी जुड़ा हुआ है. वह पहले से ही दिनेश गोप के संपर्क में था. वह लोगों के रुपये जमीन में निवेश करने का भी काम करता था. हालांकि अभी इस बात की पुष्टि एनआइए के अधिकारियों ने नहीं की है. उल्लेखनीय है कि टेरर फंडिंग के मामले में वर्ष 2018 में एनआइए में पहले से केस दर्ज है. केस के अनुसंधान में एनआइए को पूर्व में जानकारी मिली थी कि दिनेश गोप और इस संगठन से जुड़े लोग शेल कंपनी अर्थात फर्जी कंपनी में निवेश करते हैं. इससे जुड़े दस्तावेज भी एनआइए को हाथ लगे थे. इसके बाद एनआइए ने 21 फरवरी को पीएलएफआइ को आर्थिक मदद किये जाने के मामले में झारखंड और पश्चिम बंगाल के 10 ठिकानों पर छापेमारी की थी. छापेमारी पश्चिम बंगाल के कोलकाता, गुमला, खूंटी और रांची में हुई थी. रांची के डोरंडा थाना क्षेत्र निवासी विक्की अंसारी के ठिकाने के अलावा अशोक बिहार और हरमू स्थित ठिकाने पर छापेमारी हुई थी. छापेमारी के बाद एनआइए को ऐसे सबूत मिले थे, जिसमें इस बात की पुष्टि हुई थी कि पीएलएफआइ से जुड़े लोग शेल कंपनी में निवेश करते हैं. इन लोगों द्वारा रियल स्टेट के कारोबार में भी रुपये निवेश करने की जानकारी मिली थी. छापेमारी के दौरान फर्जी पहचान पत्र, पैन कार्ड, बैंक में फिक्स डिपोजिट से संबंधित कागजात, 40 मोबाइल फोन, दिनेश गोप और पीएलएफआइ द्वारा विभिन्न कंपनियों में निवेश के कागजात, 3.41 लाख रुपये नकद, डायरी (जिसमें निवेश से संबंधित जानकारी) आदि बरामद किये गये थे. पीएलएफआइ के सुप्रीमो दिनेश गोप ने विनोद कुमार, यमुना प्रसाद, चंद्रशेखर कुमार, नंद किशोर कुमार और मोहन कुमार के जरिये रुपये का निवेश किया था. इन लोगों को एनआइए पूर्व में गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है, लेकिन इस केस में दिनेश गोप एनआइए की नजर में वर्तमान में फरार है.