
बिशेष प्रतिनिधि द्वारा
रामगढ़ :रामगढ़ जिले के रजरप्पा में एक बंद कोयला खदान में भीषण आग लगने की खबर है। आग के बाद इलाके में घना काला धुआं छा गया। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि जहरीले धुएं से इलाके में रहने वाले करीब 10,000 लोग प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन और ‘सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (सीसीएल)’ को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया तथा आरोप लगाया कि कुछ दिन पहले जब जमीन के नीचे मामूली आग लगी थी,तब उनकी शिकायतों पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया था।
जमीन से निकलती भीषण आग और काले धूएं का गुबार देख भुचुंगडीह गांव के लोग डरे हुए हैं। गांव के भविष्य पर संकट गहराता दिख रहा है। जिससे लोगों में रोष भी देखा जा रहा है। बताया जाता है यहां सुलगती भूमिगत आग को लेकर पूर्व में ही सीसीएल रजरप्पा प्रबंधन को सचेत किया गया था। बावजूद इसके कोई ठोस पहल नहीं हो सकी।
बताया जाता है कि यहां पर दशकों पहले भूमिगत कोयले की खदान हुआ करती। जो काफी अरसे पहले बंद हो गई। संभावना है कि यहां किसी तरह सुलग उठी भूमिगत आग समय बीतने के साथ फैलती गई होगी। इधर, अवैध खनन से मुहानों की पतली होती कोयले की परत के कारण आग ने भीषण रूप अख्तियार कर लिया। स्थानीय लोगों की मानें तो क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से खनन कर कोयला निकाला जाता है। जो जिले की कई फैक्ट्रियों व ईंट भट्ठों में खपाया जाता है। साथ ही बाहर की मंडियों में भी भेजा जाता है।

उपायुक्त चंदन कुमार ने बताया कि आग बुझाने के लिए एक टीम मौके पर भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि आग पर काबू पाने के लिए युद्ध स्तर पर काम करने के निर्देश दिए गए हैं,ताकि चितरपुर प्रखंड के घनी आबादी वाले भुचुंगडीह गांव तक पहुंचने से पहले उसे नियंत्रित किया जा सके। उन्होंने कहा,‘‘हम आग पर नजर रख रहे हैं। हमारे अधिकारी आग बुझाने का उपाय खोजने के लिए सीसीएल के खनन विशेषज्ञों से सलाह ले रहे हैं।’’
भुचुंगडीह गांव के निवासी राजू महतो ने कहा कि अगर आग को तुरंत नहीं बुझाया गया तो ग्रामीणों को अपने घरों से भागना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि गांव में करीब 10,000 लोग रहते हैं। एक अन्य ग्रामीण जीवन महतो ने बताया कि आग अभी गांव से महज 500 मीटर की दूरी पर है। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले ग्रामीणों ने भूमिगत आग देखी थी और स्थानीय अधिकारियों तथा सीसीएल को इसकी सूचना दी थी। उन्होंने आरोप लगाया,‘‘लेकिन किसी ने इस पर ध्यान नहीं दिया।’’ रजरप्पा क्षेत्र के सीसीएल महाप्रबंधक कल्याणजी प्रसाद ने कहा,‘‘हमने प्रारंभिक तौर पर मिट्टी और रेत डालकर आग को कम करने के लिए कदम उठाए हैं। अगर इसे नियंत्रित नहीं किया जा सका तो हम दूसरा तरीका खोजने की कोशिश करेंगे।’’