Lok Sabha Election 2019 में जीत पक्की हो न हो, पर इस बार वामदलों का उद्देश्य इस लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराना है। पूरे प्रदेश में जिस सीट पर भाजपा को जो भी दल शिकस्त देता नजर आएगा, उसका वाम दल समर्थन करेंगे। वामदल वैसे राज्य में पांच सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और पांचों एक दूसरे का समर्थन करेंगे। भाकपा का स्टैंड अभी साफ नहीं है।
हजारीबाग सीट को लेकर भुवनेश्वर मेहता अभी दम ठोंक रहे हैं। शुक्रवार को माले राज्य कार्यालय में वामदलों की बैठक में यही निर्णय लिया गया। वाम पार्टियां एक साथ मिलकर महत्वपूर्ण संसदीय सीटों पर अलग-अलग चुनाव लड़ेंगी। जिन सीटों पर वाम दल चुनाव नहीं लड़ेंगे उन सीटों पर भाजपा को हराने के लिए अभियान चलाएंगे।
कौन दल कहां से लड़ेगा चुनाव : वामदलों ने अभी तक की समझदारी के अनुसार जिन सीटों को तय किया है, उसमें माकपा राजमहल सीट से लड़ेगी, मासस धनबाद संसदीय सीट से, भाकपा माले कोडरमा और पलामू संसदीय सीट से चुनाव लड़ेगी। भाकपा हजारीबाग संसदीय सीट पर चुनाव लड़ेगी।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि झारखंड में चौथे राउंड से चुनाव होने के कारण अभी भी राजनीतिक परिस्थितियां बहुत स्पष्ट नहीं हुई हैं और बदली हुई परिस्थिति के अनुकूल वाम दलों को भी कुछ अपने निर्णय में और भी सामंजस्य बैठाने की जरूरत पड़ सकती है। इसीलिए उस बदली हुई परिस्थिति के अनुकूल जो जरूरत पड़ेगी, वह वाम दल मिल करके उसका निर्णय करेंगे।
वामदलों की इस बैठक में भाकपा माले के राज्य सचिव जनार्दन प्रसाद, सुखदेव प्रसाद, माकपा के राज्य सचिव गोपी कांत बक्शी, प्रफुल लिंडा, भाकपा के राज्य सचिव भुनेश्वर प्रसाद मेहता, महेंद्र पाठक, मासस के अध्यक्ष आनंद महतो, हलधर महतो, मिथलेश सिंह, सुशांतो मुखर्जी आदि बैठक में शामिल थे।