उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में सोमवार को 65 साल के किसान ने खुदकुशी कर ली थी। वो कर्ज से परेशान था। खुदकुशी करने वाले किसान का नाम ईश्वर चंद्र शर्मा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक किसान हरिद्वार के ढाड़की गांव का रहने वाला था। पुलिस ने सोमवार को बताया कि वो उसके पास से सुसाइड नोट बरामद हुआ है, इसमें बीजेपी को वोट ना देने की बात लिखी है। किसान ने सोमवार सुबह जहर पी लिया। हॉस्पिटल ले जाते समय उसने रास्ते में दम तोड़ दिया।
किसान ने सुसाइड नोट में लिखा कि भाजपा सरकार ने 5 सालों में किसानों को बर्बाद कर दिया है। उसे(बीजेपी) को वोट मत देना, नहीं तो हम सबको चाय बेचनी पड़ेगी। पुलिस ने अभी इसकी सत्यता की पुष्टि नही की है। वो इसकी जांच कर रही है। अपने सुसाइड नोट में शर्मा ने लिखा कि एक बिचौलिये की मदद से उसने बैंर से पांच लाख का लोन लिया था। उन्होंने उस पर उन्हें रुपये के लिए धमकाने का आरोप लगाया। किसान ने बताया कि उसने गारंटर के रुप में हस्ताक्षर के लिए एक बिचौलिए को खाली बैंक चैक पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने सुसाइड नोट में आरोप लगाया है कि बैंक को पैसा चुकाने के बाद, बिचौलिए ने चेक को अपने खाते से रकम निकालने के लिए इस्तेमाल करने की धमकी दी, जो उन्हें अपने खेत की उपज बेचने के बाद मिली थी।
लस्कर जिले के सीएचओ (स्टेशन हाउस ऑफिसर) ने बताया कि शुरुआती जांच में ये सामने आया है कि किसान ने बिचौलिए की मदद से पांच लाख रुपये का लोन बैंक से लिया था। किसान ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि बिचौलिया किसान से 4 लाख रुपये मामले को रफादफा करने के लिए मांग रहा था। सुसाइड नोट के बारे में एसएचओ ने कहा कि इसकी सत्यता की पुष्टि के लिए जांच चल रही है।
कांग्रेस ने इस मामले के सामने आने के बाद दावा किया कि अब तक 17 किसान पिछले दो सालों में राज्य में खुदकुशी कर चुके हैं। कांग्रेस के उत्तराखंड में उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यह दुखद है कि पीएम नरेंद्र मोदी बीजेपी के मेनिफेस्टो में किसानों को मुआवजा देने की बात कर रहे हैं। वहीं दूसरी ओर लस्कर में किसान को गलत नीति की वजह से खुदकुशी करनी पड़ी है। वहीं बीजेपी के नेता देवेंद्र भसीन ने कांग्रेस के आरोपों को बकवास बताया।