क्या रघुवंश बाबू लेंगे 2014 के हार का बदला?

Will Raghuvansh Babu change the 2014 defeat?

News Agency : भगवान महावीर की जन्मस्थली वैशाली लोकसभा सीट लंबे समय तक राष्ट्रीय जनता दल का गढ़ रहा है। आरजेडी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ज्यादातर यहां से जीतते रहे हैं। वर्तमान में एलजेपी के रामा सिंह यहां से सांसद हैं। वैशाली ऐतिहासिक स्थल के रूप में भी प्रसिद्ध है। आरजेडी ने वैशाली से एक बार फिर रघुवंश सिंह को मैदान में उतारा है।

वहीं एलजेपी ने वर्तमान सांसद रामा सिंह की जगह पूर्व बीजेपी विधायक वीणा देवी को उम्मीदवार बनाया है। वैशाली सीट पर वोटरों की कुल संख्या है one,278,891। इसमें से 681,119 पुरुष वोटर हैं जबकि 597,772 महिला वोटर हैं। वैशाली संसदीय सीट के तहत विधानसभा की vi सीटें आती हैं- मीनापुर, कान्ति, बरुराज, पारु, साहेबगंज और वैशाली। 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में इन vi में से तीन सीटों पर आरजेडी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी। जबकि बीजेपी-जेडीयू और निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में एक-एक सीटें आई थी।

2014 के लोकसभा चुनाव मोदी लहर का असर यहां भी देखने को मिला था। वैशाली सीट से एलजेपी के रामा किशोर सिंह विजेता रहे थे। उन्होंने आरजेडी के वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह को हराया था। वहीं 2009 के चुनाव में रघुवंश प्रसाद सिंह ने जेडीयू के विजय कुमार शुक्ला को 21405 वोट से हराया था। वैशाली लोकसभा सीट शुरू से कांग्रेस का गढ़ रहा। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीत कर दिग्विजय नारायण सिंह यहां से पहले सांसद बने। वे लगातार पांच बार यहां से लोकसभा के लिए चुने गए।

वहीं 1980 में किशोरी सिन्हा चुनाव जीतकर यहां से पहली महिला सांसद बनीं। इसके अगले चुनाव में भी किशोरी सिन्हा को ही जीत मिली। जबकि 1989 में उषा सिन्हा यहां से जीतने में कामयाब रहीं। 1991 में जनता दल के उम्मीदवार शिव शरण सिंह जीते। वहीं 1994 में इस सीट पर उपचुनाव कराया गया। समता पार्टी की लवली आनंद चुनाव जीतने में कामयाब रहीं। इसके बाद डॉ. रघुवंश प्रसाद सिंह यहां से लगातार पांच बार सांसद निर्वाचित हुए। वे 1996 में जनता दल, जबकि 1998, 1999, 2004 और 2009 में आरजेडी के टिकट पर चुनाव जीते। हालांकि 2014 में एलजेपी (एनडीए) के रामा किशोर सिंह से उन्हें हार का सामना करना पड़ा।

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