इन बड़े मुद्दों पर एकमत नहीं BJP-JDU क्या चाहते CM नीतीश

इन बड़े मुद्दों पर एकमत नहीं BJP-JDU क्या चाहते CM नीतीश

News Agency : जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के फैसले का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में भारतीय नता पार्टी के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड ने विरोध किया है। पार्टी ने इस मुद्दे पर मंगलवार को लोकसभा में भी अपना रुख स्पष्ट किया। यह पहला मौका नहीं, जब एनडीए में रहते हुए जेडीयू केंद्र सरकार के खिलाफ गया है। दरअसल, बीजेपी के साथ रहकर भी उसके प्रमुख मुद्दों का जेडीयू विरोध कर रहा है। ऐसे में सवाल यह है कि आखिर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चाहते क्या हैं? विदित हो कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर में लागू संविधान के अनुच्छेेद 370 के प्रावधानों में बदलाव का फैसला किया है। राष्ट्रपति ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने अनुच्छेद 35ए को भी हटा दिया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर को दिल्ली की तर्ज पर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाते हुए लद्दाख को उससे अलग कर दिया गया है। जेडीयू इसके विरोध में है। विरोध के और भी कई मुद्दे हैं। जम्मू-कश्‍मीर पुनर्गठन बिल पर बहस के दौरान लोकसभा में जेडीयू सांसद ललन सिंह ने कहा कि इस संवेदनशील मसले पर माहौल बनाकर कार्रवाई होती तो कोई और बात होती। हमें आतंकवाद (Terrorism) से लड़ना था, विवादित विषयों को नहीं छूना था। ललन सिंह ने कहा कि उनकी पार्टी का इस विषय में स्पष्ट रूख है। जेडीयू अनुच्छेद 370 को हटाने के खिलाफ है और इसके पास होने में भागीदार नहीं हो सकता, इसलिए पार्टी सदन का बहिष्कार करती है। इसके पहले सोमवार को जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी जम्मू कश्मीर व अनुच्छेद 370 को लेकर बीजेपी से अलग राय रखती है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने पुराने स्टैंड पर कायम है। जेडीयू जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के खिलाफ है।केसी त्यागी ने कहा कि डॉ. राम मनोहर लोहिया अनुच्छेद 370 के समर्थक थे। एनडीए के गठन के समय जॉर्ज फर्नांडिस ने भी अनुच्छेद 370 कायम रखने का प्रस्ताव रखा था। हम लाेहिया व जॉर्ज की परंपरा के वाहक हैं। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के समय जॉर्ज फर्नांडीस ने एनडीए में अनुच्छेद 370 जारी रखने की बात कही थी। उस समय एनडीए-1 में जिन तीन विवादित मुद्दों को बाहर किया गया था, उनमें अनुच्छेद 370 भी शामिल था।

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