गहलोत के बाद सचिन पायलट हो सकते हैं राजस्थान के नए मुख्यमंत्री

गहलोत के बाद सचिन पायलट हो सकते हैं राजस्थान के नए मुख्यमंत्री

News Agency : कांग्रेस के अध्यक्ष पद को लेकर लगाए जा रहे कयासों में राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत का नाम आगे आया है. गहलोत को राहुल गांधी की जगह पर पार्टी का नया अध्यक्ष बनाया जा सकता है. ऐसे में राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और डिप्टी सीएम सचिन पायलट प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे. लोकसभा चुनाव में करारी शिकस्त के बाद प्रदेश सरकार और संगठन में शुरू से बदलाव की चर्चा है और खुद पायलट इसे लेकर फैसला राहुल गांधी पर छोड़ देने की बात कह चुके हैं. अब गहलोत के दिल्ली जाने पर प्रदेश का जिम्मा पायलट के खाते ही आने की संभावना है.सबसे कम उम्र के सासंद बनने से लेकर 36 साल की उम्र में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद संभालने वाले सचिन पायलट प्रदेश में कांग्रेस का स्टार चेहरा रहे हैं. प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर सचिन पायलट ने विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कराई और सरकार बनाने में कामयाब रहे. हालांकि लोकसभा चुनाव में हार का सामना करना पड़ा लेकिन वो उन्होंने उस दौर में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष की जिम्मेदारी ली थी, जब कांग्रेस विधानसभा चुनवा में महज 21 सीटों पर राजस्थान में सिमट गई थी, इसके बाद विपक्ष में रहते हुए सचिन पायलट ने पार्टी प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर अपनी टीम बनाने के साथ सरकार को लगातार घेरा.7 सितंबर 1977 को उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में जन्मे सचिन पायलट ने अपनी स्कूली शिक्षा दिल्ली के एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से की. दिल्ली के ही सेंट स्टीफेंस कॉलेज से उन्होंने अंग्रेजी ऑनर्स में बीए किया. पायलट ने ग्रेजुएशन के बाद बीबीसी के दिल्ली ब्यूरो में कुछ समय के लिए काम किया. इसके बाद पायलट एमबीए करने के लिए अमेरिका चले गए. उन्होंने अमेरिका के पेनिसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की.सचिन के पिता राजेश पायलट कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में एक थे. दौसा के पास सड़क हादसे में पिता राजेश पायलट के निधन के बाद सचिन ने उनकी राजनीतिक विरासत संभाली. बीते sixteen साल से पायलट राजनीतिक जीवन में हैं. दरअसल, अपने पिता राजेश पायलट की मौत के बाद सचिन पायलट साल 2002 में 10 फरवरी को कांग्रेस में शामिल हुए. 2004 में पायलट ने राजस्थान की दौसा लोकसभा सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और करीब 1 लाख 20 हजार मतों से अपने प्रतिद्वन्दी को हराया.

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