मिशेल ने कोर्ट से कहा, जांच एजेंसी के सामने नहीं लिया किसी का नाम

अगुस्टा वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा पूरक चार्जशीट दायर करने के एक दिन बाद शुक्रवार को मामले में नया मोड़ आ गया। दरअसल, कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल ने दिल्ली की एक अदालत को बताया कि उसने पूछताछ के दौरान जांच एजेंसी के समक्ष डील से जुड़े किसी भी शख्स का नाम नहीं लिया था। मिशेल ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार राजनीतिक अजेंडे के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है। आपको बता दें कि शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रैली में और फिर बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसी चार्जशीट के सहारे कांग्रेस पर हमला बोला। 

शुक्रवार को देहरादून में चुनावी रैली के दौरान पीएम मोदी ने ED की इसी चार्जशीट का जिक्र कर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, ‘इटली के मिशेल मामा और दूसरे दलालों से एजेंसियों ने कई हफ्ते पूछताछ की, जिसके आधार पर कोर्ट में एक चार्जशीट दायर की गई है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैं मीडिया में देख रहा था कि हेलिकॉप्टर घोटाले के दलालों ने जिन लोगों को घूस देने की बात कही है उनमें से एक AP हैं और दूसरा FAM हैं। इसी चार्जशीट में कहा गया है कि AP का मतलब है अहमद पटेल और FAM का मतलब है फैमिली।’

कुछ देर बाद ही बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर और साथ में फेसबुक पर ब्लॉग लिखकर कांग्रेस से इस चार्जशीट पर जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी कई विषयों पर बोलते हैं और बेबुनियाद आरोप लगाते रहते हैं। एक ही विषय पर वह कुछ नहीं बोल रहे हैं जबकि उन्हें सच्चाई पता है। उन्होंने स्विट्जरलैंड में हैश्के की मां के घर से बरामद दस्तावेजों में मौजूद शॉर्ट फॉर्म पर राहुल से जवाब मांगा। उन्होंने सवाल किया कि RG, AP और FAM का जिक्र किसके लिए किया गया है? ब्लॉग की आखिरी लाइन में जेटली ने तंज कसते हुए लिखा कि आरोपी के पास चुप रहने का अधिकार है पर पीएम पद के आकांक्षी के पास नहीं।

मिशेल के वकील ने उन रिपोर्टों के सामने आने के बाद कोर्ट में एक ऐप्लिकेशन दिया, जिसमें बताया गया है कि ED ने अपनी चार्जशीट में UPA सरकार के नेताओं, रक्षा अधिकारियों, ब्यूरोक्रेट्स और पत्रकारों का नाम लिया है जिन्हें विवादास्पद डिफेंस डील से पैसे मिलने की बात कही गई है। मिशेल के वकील ने दावा किया कि आरोप-पत्र की प्रति मिशेल को देने से पहले मीडिया को दे दी गई।

मिशेल के वकील स्पेशल जज अरविंद कुमार के समक्ष ऐप्लिकेशन के साथ पेश हुए। इसके बाद जज ने जांच एजेंसी को नोटिस जारी कर शनिवार तक जवाब मांगा है। वकील अल्जो के जोसेफ ने दावा किया, ‘उन्होंने (मिशेल) किसी का नाम नहीं लिया।’ अपनी याचिका में मिशेल ने सवाल किया कि चार्जशीट पर अदालत द्वारा संज्ञान लेने से पहले यह मीडिया में कैसे लीक हो गया? मामले में शनिवार को सुनवाई होगी। 

ED के पूरक आरोप-पत्र से जुड़े कुछ कथित तथ्य मीडिया में आने के बाद कांग्रेस ने शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाया कि ईडी ने तथाकथित आरोप-पत्र के एक अप्रमाणित पेज को चुनावी हथकंडे के तहत लीक किया है ताकि चुनाव में मोदी सरकार की तय हार से ध्यान भटकाया जा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि ईडी झूठ गढ़ने के लिए सरकार का चुनावी ढकोसले का काम कर रही है, लेकिन इससे कुछ हासिल नहीं होने वाला।

आपको बता दें कि ईडी ने गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत से कहा कि वीवीआईपी हेलिकॉप्टर घोटाला मामले में गिरफ्तार कथित बिचौलिए क्रिश्चियन मिशेल और अन्य आरोपियों को सौदे में रिश्वत के तौर पर 4. 2 करोड़ यूरो मिले थे। जांच एजेंसी ने 3,000 पृष्ठों के अपने पूरक आरोपपत्र में मिशेल के कथित कारोबारी साझेदार डेविड सिम्स और उनके मालिकाना हक वाली दो कंपनियों – ग्लोबल सर्विसेज एफ जेड ई और ग्लोबल ट्रेडर्स – को भी नामजद किया है। ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ दाखिल मूल आरोप पत्र में कहा था कि उसे और अन्य को अगुस्टा वेस्टलैंड से लगभग 225 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। 

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