सदन में कांग्रेस का नेता बनने को तैयार शशि थरूर, इशारों-इशारों में कह दी दिल की बात

नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने खुद की भूमिका लेकर एक बड़ा बयान दिया है, थरूर ने कहा कि अगर पार्टी उन्हें लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता पद की पेशकश करती है तो वह इस दायित्व को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। तिरुवनंतपुरम से लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए थरूर ने सोमवार को तिरंगा टीवी के इंटरव्यू में बात करते हुए इशारों-इशारों में कहा कि अगर पेशकश की गई, तो मैं कांग्रेस का लोकसभा नेता बनने के लिए तैयार हूं।

इस बार सदन के नेता का पद किसको मिलेगा?

गौरतलब है कि इस बार सदन के नेता का पद किसको मिलेगा इस पर मंथन चल रहा है क्योंकि लोकसभा चुनाव में मल्लिकाजुर्न खड़गे, इस बार चुनाव हार गए है, हालांकि सोनिया और राहुल गांधी दोनों लोकसभा में होंगे लेकिन सदन के नेता का पद वो संभालते हैं कि नहीं यह तय नहीं है, पिछली बार भी दोनों सदन के सदस्य थे, लेकिन नेता पद खड़गे को सौंपा गया था, ऐसे में थरूर की बात काफी अहम हो जाती है।

‘मैंने तो शतक लगाया लेकिन टीम हार गई’

केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से चुनाव जीतने के बाद शशि थरूर ने कहा था कि वह खुद को ऐसे बल्लेबाज की तरह महसूस कर रहे हैं जिसने शतक लगाया लेकिन उसकी टीम हार गई, थरूर ने ट्वीट कर कहा था कि मैं खुद को उस उम्मीदवार की तरह महसूस कर रहा हूं जिसने शतक लगाया लेकिन उसकी टीम हार गई, यह मेरे लिए खट्टा-मीठा अनुभव है।

राहुल को पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए: थरूर

राहुल को पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए: थरूर

टीवी इंटरव्यू में बात करते हुए थरूर ने इस बात को स्वीकार किया कि कांग्रेस की मुख्य चुनावी थीम ‘न्याय’ को मतदाताओं के समक्ष ठीक से नहीं रखा गया और इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की ‘नरम हिंदुत्व’ की नीति की ओलाचना भी की लेकिन उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनावों में हुई हार के कारण अभी राहुल गांधी को अपने पद से इस्तीफा नहीं देना चाहिए।

कांग्रेस की बुरी हार

कांग्रेस की बुरी हार

543 सीटों में से कांग्रेस सिर्फ 52 सीटें ही जीतने में कामयाब हो सकी, वहीं, बीजेपी (BJP) ने प्रचंड जीत दर्ज करते हुए 303 सीटों पर कब्जा जमाया, केंद्र में कांग्रेस के कमजोर होने के साथ क्षेत्रीय दल भी इस स्थिति में नहीं हैं कि वे अकेले दम पर अपना प्रभाव केंद्र में दिखा सकें इसलिए अब सबकी निगाह इस बात पर होगी कि कांग्रेस किस तरह से विपक्ष की भूमिका को आगे बढ़ाती है।


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