पहाड़ी राज्य हिमाचल की जनता किसे देगी आशीर्वाद

पहाड़ी राज्य हिमाचल की जनता किसे देगी आशीर्वाद

News Agency : पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में आखिरी चरण में 19 मई को सभी 4 लोकसभा सीटों के लिए चुनाव होना है। 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी चारों सीटें जीतने वाली बीजेपी ने इस बार दो सीटों– शिमला और कांगड़ा के मौजूदा सांसद का टिकट काट दिया है। इस बार दोनों राष्ट्रीय दलों की तरफ से कुल मिलाकर five विधायक सांसद का चुनाव लड़ रहे हैं मतलब जीत-हार किसी की भी हो, इस प्रदेश में विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना तय है। हिमाचल प्रदेश में चुनाव करवा पाना कई मायनों में किसी चुनौती से कम नहीं होता है। यहां कई बूथ पहाड़ की इतनी ऊंचाई पर है कि वहां तक पहुंचने के लिए चुनाव कर्मियों को कई-कई घंटे पैदल चलना पड़ता है। इस बार प्रदेश में डेढ़ लाख से ज्यादा मतदाता पहली बार अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। प्रदेश में कुल 53 लाख 30 हजार मतदाता यह तय करेंगे कि वो दिल्ली में किसकी सरकार देखना चाहते हैं।लोकसभा क्षेत्र को हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी भी कहा जाता है। इस बार छोटी काशी में कई राम की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है। यहां सरकार बनाम सुखराम की लड़ाई में एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर है तो दूसरी तरफ क्षेत्र के मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा है। पहाड़ी राज्य के एक और दिग्गज नेता सुखराम की प्रतिष्ठा भी यहां दाव पर लगी है। बीजेपी ने इस सीट से जहां अपने मौजूदा सांसद रामस्वरूप शर्मा को ही चुनावी मदान में उतारा है। वहीं घर वापसी कर चुके सुखराम के पोते आश्रय शर्मा यहां से कांग्रेस के टिकट पर ताल ठोंक रहे हैं। हालांकि बेटे को टिकट मिलने के बाद हिमाचल बीजेपी सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सुखराम के बेटे अनिल शर्मा ने अभी तक बीजेपी को अलविदा नहीं कहा है। माना यह जा रहा है कि भले ही यह मुकाबला रामस्वरूप और आश्रय के बीच हो रहा हो लेकिन असली मुकाबला मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और प्रदेश के दिग्गज नेता सुखराम के बीच ही है क्योंकि दोनों ही नेता इसी इलाके के हैं। मुख्यमंत्री की विधानसभा सीट सराज भी इसी लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। बसपा से सेस राम चुनावी मैदान में हैं।

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