र्कोंचग संस्थाओं का झूठ और फरेब!

संवाददाता
रांची : इस समय झारखंड में कोचिंग माफिया के मकड़े जालों में हजारों गरीब तथा मध्यमवर्गीय छात्र उनके चंगुल में फंसते जा रहे हैं। इस समय विज्ञापन के चकाचौंध में तथा सरकारी स्कूलों तथा कॉलेजों की घोर उपेक्षा के कारण कोचिंग माफिया के गिरफ्त में फंस कर छात्रों तथा उसके अभिभावकों की बूरी तरह से शोषण हो हो रहा है। अभिभाव अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा के नाम पर अपनी काढ़ी कमाई तथा जगह-जमीन, जेवरात बेचकर कोचिंग माफियाओं के चंगुल में फंसते जा रहे हैं। कोचिंग माफिया के लोग अब वर्ग 06 से ही छात्रों को अपने कोचिंग में लाखों रुपये लेकर नामांकन कराते हैं। जिसके कारण छात्र अपनी पढ़ाई के आधे समय कोचिंग सेंटर में पढ़ाई करते हैं। इस संबंध में कई कोचिंग संस्थानों में सड़क छाप शिक्षक तथा प्राध्यापक रहते हैं। कोचिंग वाले इनकी वेतन 10 से 20 हजार रुपये देते हैं और बदले में इनसे आठ से दस घंटे काम कराते हैं। इस संबंध में जानकारी मिली है कि रांची के एक कोचिंग संस्थान जिसका नाम चैम्स स्कॉयर्ड शुरू हुआ है। इसकी शुरुआत पिछले तीन वर्ष पहले ही हुआ है। इसमें करीब 7-8 पार्टनर हैं जो कि फीटजी से छोड़कर आये हैं और इसके सर्वेसर्वा मनीष सिन्हा हैं। जिनपर कई तरह के अपराधिक मामले चल रहे हैं। यह मुकदमा फीटजी वालों ने किया है। इस संबंध में जानकारी मिली है कि यहां पर बच्चे को स्टार स्कूल से सीबीएसई की 10 वी की परीक्षा में बैठाते हैं। इसके बदले में प्रत्येक छात्रों से स्टार स्कूल के प्रबंधकों को एक-एक लाख रुपये देते हैं तथा इसके बादले में संबंधित स्कूल सीबीएसई बोर्ड को छात्रों की 80 फीसदी उपस्थिति की झूठी हलफनामा देते हैं और परीक्षा में बैठाता है। इस मद में कोचिंग सेंटर छात्रों से करीबन सवा लाख रुपये लेते हैं और एक लाख रुपये स्कूल को देते हैं। इसके साथ-साथ इस कोचिंग में प्रत्येक वर्ष करीबन 300-400 विद्यार्थी इंजिनियरिंग के आईआईटी के प्रवेश परीक्षा में बैठते हैं परंतु मुश्किल से 2-3 छात्र ही सफल हो पाते हैं। इस संबंध में हमारे संवाददाता ने संबंधित र्कोंचग के छात्रों से बातचीत किया तो छात्रों ने खुलेआम कहना शुरू किया कि पढ़ाई का स्तर बड़ी ही निम्न है इसके साथ -साथ केवल छात्रों को रट-रटाया अभ्यास पुस्तिका दी जाती है और जब छात्र किसी भी प्रश्न के सुगम उत्तर के लिए शिक्षकों से पूछते हैं तो उन्हें किसी भी प्रश्न का संतोषपूर्ण हल नहीं बताया जाता है। छात्रों ने यह भी कहा कि एक ही शिक्षक भौतिकी और रसायन के विषय को पढ़ाते हैं तथा जिसके चलते छात्रों में गुणवत्ता नहीं हो पाता है। जबकि संबंधिक र्कोंचग सेंटर एक-एक छात्रों से आईआईटी तथा इंजिनियरिंग के अन्य संस्थाओं में उत्तीर्ण के लिए करीबन 02 लाख रुपये छात्रों से ट्यूशन के रूप में लेते हैं। इस संबंध में कई समाजिक संगठनों ने राज्य के अधिकारियों को र्कोंचग के झूठ और फरेब की शिकायत कई बार कर चुके हैं परंतु अभी तक सरकार के अधिकारी मौन बैठे हुये हैं और दूसरी ओर गरीब तथा मध्यवर्ग के छात्र लूटे जा रहे हैं। इस संबंध में यह भी जानकारी मिली है कि संबंधित र्कोंचग सेंटर कुछ उच्च प्रशासनिक तथा पुलिस अधिकारी को मोटी रकम देते हैं और इसके बदले में संबंधित कोचिंग संस्थान मनमानी करते हैं।

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