डॉ भीमराव अंबेडकर का जीवन एक जांबाज योद्धा की तरह है : मनोज टुडू

Dr. Bhimrao Ambedkar's life is like that of a brave warrior: Manoj Tudu

हजारीबाग। डॉ भीमराव अंबेडकर की 131 वी जयंती तापीन नॉर्थ, रोहनिया टांड़ , चरही में नए जोश, उमंग, उल्लास एवं नए संकल्प के रूप में मनाई गई। जिसकी अध्यक्षता महालाल हेंब्रोम एवं संचालन मंटू बेदिया ने की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रुप में यंगब्लड आदिवासी समाज सह ऑल संथाल स्टूडेंट यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष मनोज टुडू एवं समाजसेवी सुधीर बासके शरीक हुए। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती में मुख्य अतिथि मनोज टुडू ने तीन बातें कहीं , पहला भीमराव अंबेडकर का जीवन एक जांबाज योद्धा की तरह है…

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आरटीसी BEd महाविद्यालय में भीमराव अंबेडकर की 131 वी जयंती मनाई गई.

Bhimrao Ambedkar's 131st birth anniversary celebrated in RTC BEd college

निदेशक डॉक्टर रूद्र नारायण महतो व प्राचार्या डॉक्टर सस्मिता गहन ने भीमराव अंबेडकर के चित्र पर माल्यार्पण वह पुष्प अर्पित कर कार्यक्रम की शुरुआत हुई !प्रशिक्षणार्थियों ने अपने विचार रखें ,व्याख्याता प्रिया पांडे ने कहां की भीमराव अंबेडकर ने हमेशा वंचितो ,महिलाओं के लिए कार्य किया है,महाविद्यालय की प्राचार्या डॉक्टर सस्मिता गहन ने कहा कि बीआर अंबेडकर ने भारतीय समाज में समानता लाने के काफी प्रयास किए !कार्यक्रम का संचालन विनोद कुमार ने किया ,धन्यवाद ज्ञापन व्याख्याता सुबोध कुमार ने दिया !इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त व्याख्याता गण एवं…

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अम्बेडकर जयंती पर तैयारी पूरी

Preparations completed for Ambedkar Jayanti

बिरनी: प्रखंड में गुरुवार को अम्बेडकर जयंती ऐतिहासिक रूप से मनाया जाएगा  जिसकी तैयारी लगभग पूरी कर ली गयी है। गुरुवार को भरकट्टा पानी टंकी के पास संविधान निर्माता भारत  रत्न डॉ भीम राव अम्बेडकर की जयंती मनाई जएगी।  पश्चिम जोन में एक बड़ी गोलबंदी के साथ 300 मोटरसाइकिल जुलूस  पालोंजिया हाट बाजार से निकलेगा और जुठाहआम मोड़ तक पहुँचेगा।  वहीं मध्य जोन से 300 मोटरसाइकिल के साथ बड़ी गोलबंदी जुठाह आम पर पूर्व से उपस्थित रहेगा औऱ पश्चिम जोन के मोटरसाइकिल जुलूस को साथ लेकर भरकट्टा बाजार के लिए…

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डॉ भीमराव आंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य मे आयुष फाउंडेशन ने कराया सैंड पेंटिंग का वर्कशॉप।

AYUSH Foundation organized sand painting workshop on the occasion of Dr. Bhimrao Ambedkar Jayanti.

गोमो। आयुष फाउंडेशन धनबाद ने सी सी डब्ल्यू ओ मिडिल स्कूल कोल वाशरी में कराया सैंड पेंटिंग का वर्कशॉप।  अंबेडकर जी ने अपने 65 साल की कम समय में बहुत बड़ी उपलब्धियों को हासिल किया। जैसे – लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से *डॉक्टर ऑल साइंस* नामक एक दुर्लभ डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त करने वाले भारत के ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया के पहले और एक मात्र व्यक्ति बने। साथ ही साथ उन्होंने आज़ाद भारत के पहले कानून मंत्री के पद को भी संभाला, भारत के झंडे पर अशोक चक्र लगवाने…

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गाँधी जी की पुण्यतिथि मनाई गई।

74th death anniversary of gandhiji was observed in gomo

गोमो। गांधी जी की 74 वीं पुण्यतिथि पर गोमो चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने पुरानी बाजार स्थित गाँधी चौक में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही 2 मिंट का मौन रखते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए प्राथना किया गया। इस दौरान गांधी जी की आदर्शों की बात कही गई। मौक़े पर चेंबर के सदस्य अफाक अनवर खान, अरविन्द कुमार सिंह ,धुरुब अग्रवाल, अनूप कुमार ,राजेन्द्र सिंह बग्घा, नूरेंन, कलामुद्दिंन  ,आशीष चंद्र व अन्य लोग उपस्थित थे।

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रामा कुंडा में कॉमरेड मोही महतो की 9 वीं पुण्यतिथि मनाई गई।

comrade mohi mahato anniversary was celebrated in rama kunda

गोमो। अखिल भारतीय किसान सभा तोपचांची अंचल कमेटी के द्वारा किसान सभा तोपचांची अंचल के प्रथम अध्यक्ष कॉमरेड मोही महतो की 9 वीं पुण्यतिथि रामाकुंडा अंचल कार्यालय में मनाई गई। जहां कामरेड मोही महतो के तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए मोही महतो अमर रहे मोहि महतो को लाल सलाम के गगनभेदी नारों के साथ श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया। श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए तोपचांची अंचल किसान सभा के जिला प्रभारी सह जनवादी आंदोलन के नेता डॉक्टर मनेंद्र सिंह ने मोही महतो के जन संघर्षों को विस्तार से चर्चा…

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माता सावित्री बाई फुले जी की जयंती मनाई गई।

savitribai phule jayanti was celebrated in gomo

गोमो। माटी गढ़ा डैम में समाज सेवी तारकेशवरी देवी के अध्यक्षता में माता सावित्री बाई फुले जी की जयन्ती मनाई गई। इस कार्यक्रम में दर्जनों महिलाओं ने अपना योगदान दिया। इस दौरान कहा गया कि सावित्री बाई फुले जी शिक्षा की वह देवी है जिसने समाज में शिक्षा का अलख जगाई थी और लड़कियों के लिए शिक्षा के लिए स्कूल खोली थी। इस कार्य के दौरान उन्हें बहुत सारी कठिनाइयों का विरोध और सामना करना पड़ा था। लोग बहुत सारे ताने कसते थे। लोग आज उन्हें सरस्वती माता के रूप…

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