बारदोली सत्याग्रह:शोषक और शोषित का साझा संघर्ष

पंकज कुमार श्रीवास्तव बीसवीं शताब्दीके पहले दशक(सन्1908के आसपास) में सूरत जिला(वर्तमान गुजरात और तब का बॉम्बे प्रेसीडेंसी)के बारदोली इलाकेके 137गांवोंकी आबादी 87000 थी।बारदोलीमें किसानोंमें प्रभावशाली जाति ‘कुनबी-पाटीदार’थी।लेकिन,पाटीदार किसानोंकी ज़मीन ‘दुबला आदिवासी’जोता करते थे,जिन्हें’कालिपराज’ भी कहा जाता था।कालिपराज जनजातिको’हाली पद्धति’के तहत उच्च जातियोंके यहाँ पुश्तैनी मज़दूरके रूपमें कार्य करना होता था।’हाली पद्धति’एक प्रकार की”बन्धुआ मजदूरी”थी,जिसे कापिलराज जनजातिके लोग करनेको विवश थे।उनकी स्थिति अत्यंत दयनीय थी।इनकी आबादी बारदोली तालुकामें 60% थी। 1908ई.से ही भ्राताद्वय-कुंवरजी एवं कल्याणजी मेहता एवं दयालजी देशाई,केशवजी जैसे उनके साथी कालिपराज समुदायके लोगोंको संगठित करने और इनमें चेतना जगानेका…

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अल्पेश ठाकोर समेत तीन कांग्रेस विधायकों का पार्टी से इस्तीफा

गुजरात के विधायक अल्पेश ठाकुर और दो और विधायकों ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। बुधवार को अल्पेश, धवल सिंह ठाकोर और भरतजी ठाकोर ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। अल्पेश पाटन जिले की राधानपुर सीट से विधायक हैं। ठाकोर समेत तीनों विधायक 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर चुनकर आए थे। बीते कुछ समय से लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर ठाकोर की कांग्रेस आलाकमान से तनातनी चल रही थी। काफी दिन से वो कांग्रेस छोड़ने का इशारा भी कर रहे थे, ऐसा माना…

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