पूर्व डीजीपी की पत्नी सहित सरकारी जमीन बेचने वाला आमाेद लापता

पूर्व डीजीपी की पत्नी सहित सरकारी जमीन बेचने वाला आमाेद लापता

News Agency : पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय सहित fifteen वीवीआईपी को जमीन बेचने वाला आमोद कुमार गायब है। रांची के महावीर चाैक स्थित नितिन गुप्ता के मसाले की दुकान की नाैकरी भी छाेड़ दी है। इस दुकान में वह ten साल से नाैकरी कर रहा था। आमाेद की पत्नी और बच्चे भी मूरी शिफ्ट हाे गए हैं।दैनिक भास्कर में nineteen जून काे ‘पूर्व डीजीपी की पत्नी को thirty-nine लाख में जमीन बेचने वाला करता है अपना घर तो दूर खुद की बाइक भी नहीं’ शीर्षक से खबर प्रकाशित हाेने के बाद से ही आमाेद कुमार पता नहीं चल पा रहा है। आमाेद कुमार एचईसी परिसर स्थित धुर्वा थाना क्षेत्र के टंकी साइड शिव मंदिर चौक के पास डीटी-1660(टी) में मां-भाई से अलग रहता था।बड़े भाई मनोज कुमार ने बताया कि वह nineteen जून से ही घर नहीं आ रहा है। अचानक आमाेद की पत्नी, बच्चे काे लेकर मूरी स्थित रिटायर काॅलाेनी में रहने वाले अपने अभिभावक के घर शिफ्ट हाे गई। आमोद के नियोक्ता नितिन गुप्ता का कहना है कि वह nineteen जून से काम पर भी नहीं आया है। परिजनाें का कहना है कि यह मामला हाई प्राेफाइल है, ऐसे में आमाेद कुमार के साथ काेई अनहाेनी न हाे जाए।कांके चामा मौजा के हल्का संख्या 03, खाता नंबर-87, आरएस प्लॉट नंबर-1232 में कुल two एकड़ ninety four डिसमिल जमीन है। इसमें से अामाेद कुमार ने पूर्व डीजीपी की पत्नी पूनम पांडेय सहित अन्य fifteen लाेगों काे कुल one एकड़ eighty seven डिसमिल जमीन बेची है। उसने फर्जी कागजात और अधिकारियों की मिलीभगत से ये काम किया। एलआरडीसी व कांके सीओ की रिपाेर्ट में भी खुलासा हाे चुका है। इसके बावजूद जमीन खरीदने वाले fifteen लोगों में से किसी ने भी अब तक ठगी का केस नहीं दर्ज करवाया है।राजस्व, निबंधन व भूमि सुधार विभाग के मंत्री अमर कुमार बाउरी ने कहा है कि रांची के हरमू स्थित सोहराय भवन की जमीन खरीद में हेमंत सोरेन व उनकी पत्नी द्वारा सीएनटी एक्ट के उल्लंघन और कांके में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी द्वारा सरकारी जमीन खरीदने के मामले में डीसी राय महिमापत रे कार्रवाई करने में जानबूझकर देरी न करें। विभाग डीसी से अपेक्षा करता है कि वे तत्काल निष्पादन करेंगे। मंत्री ने सोमवार को विभाग की उपलब्धियां गिनाने के दौरान मीडिया के सवाल पर ये बात कही। मंत्री ने स्वीकार किया कि सरकारी जमीन के संदेहास्पद जमाबंदी के कई मामले हैं। इनमें जिनकी रसीद कटती रही है, अंतिम जांच पूरी होने तक उनकी रसीद कटती रहेगी।

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