विशेष प्रतिनिधि द्वारा
रांची : झारखंड के वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने 91270 करोड़ का बजट पेश करना शुरू कर दिया है। जैसे ही उरांव ने बजट पढ़ना शुरू किया, वैसे ही भाजपा विधायकों ने शोर मचाना भी शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भाजपा विधायकों से शांत होने की अपील की, लेकिन वह नहीं माने और शोर कर रहे हैं। उरांव भी लगातार बजट पढ़ रहे हैं। स्पीकर रवींद्र नाथ महतो विपक्ष के विधायकों को आसन पर जाने की अपील कर रहे हैं।
वित्तमंत्री रामेश्वर उरांव ने कहा- मनरेगा में मजदूरों के मजदूरी 31 रुपए बढ़ाई गई है। इसके अलावा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए 18653 करोड़ का प्रावधान किया जा रहा है, जो पिछले साल से 11 प्रतिशत अधिक है। राज्य को केंद्रीय करों से मिलने वाली करों में भी कमी देखने को मिली। राज्य के सामेकित करों से भी केंद्र से कटौती कर ली गई। वित्तमंत्री ने कहा- पिछले साल 6.7 फीसदी विकास दर थी। झारखंड के विकास दर में गिरावट आई है। सकल घरेलू उत्पाद में 7.5 फीसदी की गिरावट आई है। विकास दर पटरी पर लौटने लगने लगी है। 2020-21 में विकास दर 9.5 फीसदी होने का अनुमान है।
राज्य का 75 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर
कृषकों के लिए झारखंड कृषि ऋण माफी योजना लाई है। इसका शुभारंभ एक फरवरी 2021 को जामताड़ा से किया गया है। पिछले साल 1200 करोड़ प्रस्तावित है। सामेतिक कृषि बिरसा ग्राम योजना के तहत हर जिले बिरसा किसान सर्विस सेंटर की स्थापना की जाएगी। कृषकों को बाजार उपलब्ध किया जाएगा। इसके लिए 61 करोड़ रुपए का फंड प्रस्तावित है।
हर प्रखंड में सोलर संचालित डीप बोरिंग करके सिंचाई की जाएगी। 21 45.86 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। सरकारी क्षेत्र में उद्यानिकी खेती शहरी क्षेत्रों में खाली जमीन पर गृह वाटिका विकसित की जाएगी। फलों और सब्जियां उगाई जाएगी। 2 करोड़ की लागत से 5 हजार गृह वाटिका विकसित की जाएगी। इससे प्रदूषण मुक्त बनाने में भी मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री बीमा योजना की जगह एक नया फसल राहत योजना शुरू की जाएगी। इसके लिए 50 करोड़ प्रस्तावित किया गया है।
वित्तमंत्री ने कोरोना योद्धाओं को नमन किया
कोरोना के वैश्विक प्रकोप से देश के साथ झारखंड भी प्रभावित हुआ है। सभी कोरोना योद्धाओं को नमन करता हूं। इनके भाव को शब्दों में प्रकट नहीं किया जा सकता है। मीडया की भूमिका भी प्रसंशनीय। पंचायत से लेकर राज्य के जनप्रतिनिधियों का कार्य भी प्रशंसनीय रहा। राष्ट्रव्यापारी लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों को घर तक पहुंचाना और उनके लिए भोजन की व्यवस्था कराने में राज्य के जनता की भूमिका काबिले तारीफ रही है। कोरोना में जो क्षति हुई है उसकी भरपाई होने में समय लगेगा। सरकार जनता के साथ मिलकर इसे सही करने में लगी है।
हंगामे के कारण स्थगित हुई थी कार्यवाही
इससे पहले बजट की कार्यवाही शुरू होने से पहले ही झारखंड विधानसभा में हंगामा हो गया था। नियोजन नीति और रोजगार को लेकर भाजपा विधायकों ने हंगामा किया। सभी भाजपा विधायक नारे लिखी भगवा रंग की टीशर्ट पहनकर विधानसभा में पहुंचे। सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक वेल में आ गए। दोनों में आपस में तू-तू मैं-मैं हो गई । हंगामा बढ़ता देख सदन की कार्यवाही को 12.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
इससे पहले झारखंड के वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव बजट की कॉपी राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को सौंप दी है। उन्हें 11.30 बजे वे विधानसभा में बजट पेश करना था। वित्त मंत्री ने कहा था यह बजट कई लिहाज से खास है। कोरोना काल के बाद राज्य सरकार का यह पहला बजट है। वहीं, हेमंत सरकार का यह दूसरा बजट है। आम जनता के साथ व्यापारियों की नजर भी सरकार के बजट पर टिकी हैं। वित्त मंत्री रमेश्वर उरांव ने कहा है कि यहां गांव, गरीब और किसानों का बजट होगा।
इससे पहले मंगलवार को विधानसभा के पटल पर रखे गए झारखंड के आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद पर मौजूदा वित्त वर्ष में 6.9 फीसदी की गिरावट हुई है। जबकि आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि देश की जीडीपी में 7.7 फीसदी की कमी होने की आशंका है। जबकि 2021-22 में सर्वेक्षण में 9.5 फीसदी बढ़ोतरी का अनुमान है।
झारखंड में बढ़ी है प्रति व्यक्ति आय
2019-20 से 2021-22 के जीडीपी की संभावनाओं का आकलन करें तो यह वृद्धि दो फीसदी के आसपास रहेगी। झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण की बात की जाए तो झारखंड में प्रति व्यक्ति आय बढ़ी है। यह वृद्धि करीब 6500 होने का अनुमान है। 2018 में सालाना प्रति व्यक्ति आय 73155 रुपए थी, जो 2019-20 में बढ़कर 79683 रुपए हो गई।