5दिसंबर-रवीश कुमार के जन्मदिन पर विशेष:एक मुलाकात रवीश कुमार के साथ

  पंकज कुमार श्रीवास्तव 5दिसम्बर,1974 को जब रवीश कुमार का जन्म ग्राम-जितवारपुर, मोतिहारी,जिला-पूर्वी चंपारण(बिहार) में हुआ होगा,तब मैं ए एन कालेज का विद्यार्थी था।तब बिहार आन्दोलन,जेपी आंदोलन या संपूर्ण क्रांति आंदोलन अपने पूरे शबाब पर था,और उसकी सबसे तेज तपिश पटना में महसूस की जा रही थी।पत्रकारिता जगत के तमाम नामचीन पत्रकार-धर्मयुग के धर्मवीर भारती, साप्ताहिक हिन्दुस्तान के मुरली मनोहर जोशी,अज्ञेय, रघुवीर सहाय उर्फ फिराक गोरखपुरी,कादम्बिनी में राजेन्द्र अवस्थी, लक्ष्मी नारायण लाल, सर्वेश्वरदयाल सक्सेना,अपनी बौद्धिकता और कलम के तेवर से इस आन्दोलन को अपना-अपना समर्थन दे रहे थे।महादेवी वर्मा,अमृतलाल नागर,अमृत…

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आरएसएस के निर्देश पर मोदी सरकार किसान,मजदूर, नौजवान व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर कर रही हमले:नक्सली

राजनीतिक संवाददाता द्वारा लोहरदगा:झारखंड के घोर नक्सल प्रभावित जिलों में से एक लोहरदगा में रविवार को प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की ओर से पोस्टर लगाए गए। जिले के सेन्हा थाना अंतर्गत चमडू स्कूल,झाखरा स्कूल, बूटी स्कूल ,कण्डरा स्कूल,कण्डरा चौक तथा चमडू चौक पर लगे बिजली के पोल पर पोस्टर लगे देखे गए। अलग-अलग पोस्टर में अलग-अलग संदेश लिखा गया था। संगठन ने RSS को सीधे निशाने पर लेते हुए लिखा कि आरएसएस के निर्देश पर फांसीवादी केंद्र सरकार की ओर से किसान, मजदूर, नौजवान व मानवाधिकार कार्यकर्ताओं पर किए…

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नगालैंड की घटना को बताया हृदय विदारक:राहुल गांधी

दिल्ली व्यूरो नगालैंड में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 11 आम लोगों की मौत को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। राहुल ने इस घटना को हृदय विदारक बताया है। राहुल ने ट्वीट कर कहा, यह एक हृदय विदारक घटना है। केंद्र सरकार को जवाब देना चाहिए। यहां न तो लोग सुरक्षित हैं और न ही सुरक्षाकर्मी, तो वास्तव में गृह मंत्रालय क्या कर रहा?  सैन्य अधिकारियों के मुताबिक, यह घटना म्यांमार की सीमा से लगने वाले मोन जिले के ओटिंग में हुई। मामले में एक पुलिस…

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विनोद दुआ: आने वाली नस्लें याद रखेंगी, एक ऐंकर ऐसा भी था

डॉ मुकेश कुमार जाने-माने टीवी ऐंकर विनोद दुआ का जाना टीवी पत्रकारिता के एक युग का अंत है. यहाँ ‘एक युग का अंत’ घिसा-पिटा मुहावरा या अतिश्योक्ति नहीं है, वह सच्चाई है. ख़ास तौर पर हिंदी टीवी पत्रकारिता के लिए. उन्हीं की वज़ह से टीवी पर हिंदी पत्रकारिता पहली बार जगमगाई थी. उस समय जब टीवी की दुनिया दूरदर्शन तक सिमटी थी और टीवी पत्रकारिता नाम के लिए भी नहीं थी, विनोद दुआ धूमकेतु की तरह उभरे थे. इसके बाद वे लगभग साढ़े तीन दशकों तक किसी लाइट टॉवर की…

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अब क्या करेंगे दुबे बाबा, रेल ने रांची-देवघर इंटरसिटी के साथ कर दिया खेल

राजनीतिक संवाददाता द्वारा धनबाद। नई ट्रेन चलवाने में निशिकांत दुबे बाबा का कोई जवाब नहीं है। हावड़ा-दुरंतो को जसीडीह वाले रूट से चलवाना हो या भागलपुर तक जानेवाली ट्रेन के पहिए को गोड्डा तक बढ़ाना हो, बाबा अपनी बात मनवा ही लेते हैं। बीते सितंबर में संताल को एक साथ पांच ट्रेनों का तोहफा देने वाले भी वही हैं। बाबा नगरी को गुजरात और महाराष्ट्र की सीधी ट्रेन मिल गई। धनबाद, बोकारो और रांची वालों को गोवा की सीधी ट्रेन का गिफ्ट भी मिला। रेलवे भी उनके लिए हमेशा तैयार…

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